फुल एक्शन मोड में हैं हरियाणा के गृहमंत्री, बोले- मेरा नाम अनिल विज, मैं किसी को बख्शता नहीं हूं |

हरियाणा के गृह मंत्री एवं जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन अनिल विज ने शुक्रवार को सिरसा के पंचायत भवन में करीब 15 शिकायतें सुनी। अधिकारियों की लापरवाही पर उन्हें लताड़ लगाई। कुल 15 शिकायतों में से दो मामलों में सरपंचों के खिलाफ पैसों का गबन करने पर एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए। अनिल विज ने बैठक के दौरान अपने शायराना अंदाजा में कहा कि मेरा नाम अनिल विज है। किसी को बख्शता नहीं हूं। वहीं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने अनिल विज के समक्ष नशे का मुद्दा उठाया।

गृह मंत्री अनिल विज शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में बैठक में भाग लेने के लिए निर्धारित समय 12 बजे से करीब 40 मिनट देर से पहुंचे। अनिज विज ने कुर्सी ग्रहण करने पर सामने बैठे अभय सिंह चौटाला को देखा तो उन्हें मंच पर आने का न्योता दिया। इसके बाद अनिल विज ने सभी कष्ट निवारण समिति के गैर सरकारी सदस्यों का परिचय लिया।

जैसे ही मीटिंग शुरू हुई तो पहले शिकायतकर्ता जीत सिंह को बुलाया गया। तभी गैर सरकारी सदस्य व रानियां मार्केट कमेटी के चेयरमैन शीशपाल कंबोज ने कहा कि उन्हें हर बार मीटिंग में एजेंडा नहीं दिया जाता। विज बोले ये किसकी ड्यूटी है। तब प्रशासन ने बताया कि तहसीलदार प्रदीप कुमार की जिम्मेदारी लगाई गई थी। विज ने तहसीलदार को बुलाया। तहसीलदार प्रदीप कुमार ने कहा कि उन्होंने एजेंडे भिजवाएं है। लेकिन केवल सिरसा के गैर सरकारी सदस्यों को एजेंडा देना उनकी ड्यूटी थी। तब अनिल विज ने तहसीलदार को कहा कि मीटिंग से पहले रिसीविंग के साइन दिखाए, नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।

सरपंच से रिकवरी करने और एफआईआर के दिए आदेश

पहली शिकायत जीत सिंह निवासी थिराज ने रखी। शिकायतकर्ता ने कहा कि सरपंच सोहन लाल द्वारा बनाई गई इंटरलॉक गलियों की ईंटों की गुणवत्ता की जांच करवाई जाए। साथ ही मनरेगा पैसा भी खुर्द बुर्द किया है। एडीसी मंदीप कौर ने जांच रिपोर्ट रखते हुए कहा कि मस्ट्रोल बुक गुम है। दस लाख 26 हजार रुपये की रिकवरी बनती है।

मैटेरियल की जांच करवाई गई थी। सैंपल ठीक मिला। तभी शिकायतकर्ता जीत सिंह ने कहा कि यह जांच प्राइवेट कंपनी की लैब से करवाई गई है। एडीसी ने कहा कि पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता ने सैंपल टेस्टिंग करवाई है। तब पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता को बुलाया गया। उन्होंने  कहा कि प्राइवेट लैब सरकार से अप्रूव है।

शिकायतकर्ता अपने साथ ही ईंट के सैंपल लेकर आया था और दिखाते हुए कहा डेढ़ साल से प्रशासनिक अधिकारी नारे लगा रहे हैं। अनिल विज ने कहा कि डेढ़ साल से इसे लटकाया क्यों गया। दोषी सरपंच से दस लाख 26 हजार रुपये की रिकवरी क्यों नहीं की गई। तब एडीसी ने कहा कि वे सात सप्ताह पहले ट्रेनिंग पर गई थी। 17 दिसंबर को चार्ज लिया था। तब जीत सिंह ने कहा कि आपके कार्यालय में मैडम ऊषा बैठती हैं और वो मुझे कहती हैं कि तुम्हें कोई काम नहीं है। तब विज ने कहा कि सरपंच से रिकवरी करवाओ और गलियों के सैंपल दोबारा से श्री राम लैब से चेक करवाए जाएं।

शिकायत नंबर दो, पुलिस बारात में गई थी क्या 
दूसरी शिकायत गांव फेफाना निवासी लीलू राम द्वारा चार अक्टूबर 2019 को लड़की की दहेज हत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने की शिकायत की थी। गृह मंत्री के समक्ष डीएसपी राजेश चेची ने जांच रिपोर्ट रखते हुए कहा कि करमपाल को 15 नंवबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि सास बिमला को 21 दिसंबर को। सास को

डीएसपी ने बताया कि बकिरयांवाली, जमाल गांव पर रेड करने की थी। तब विज ने कहा कि दहेज का मामला क्यों नहीं दर्ज किया। रिकवरी कैसे करोगे। डीएसपी ने कहा कि 304 बी इसे कवर करती है और दहेज नहीं लिया गया था। विज बोले कि आप लोग बाराती थे जो ये दावा कर रहे हैं।

शिकायतकर्ता ने कहा कि देवर सुरेश को काबू नहीं किया गया। तब डीएसपी ने कहा कि उसकी लोकेशन पंजाब के फिल्लौर में पाई गई थी। घटना के अगले दिन वह आया था। लीलूराम ने कहा कि घटना वाले दिन वह मौजूद था और अस्पताल में भी पहुंचा था। तब विज ने सीसीटीवी फुटेज निकालने के आदेश दिए। विज ने कहा कि यदि सुरेश सीसीटीवी फुटेज में आया तो डीएसपी की नौकरी खा जाउंगा। विज ने एसआईटी गठन करने के निर्देश दिए।

नेजाडेला के महिला सरपंच सुनीता के खिलाफ गबन का मामला दर्ज करने के निर्देश
तीसरी शिकायत गांव नेजाडेला खुर्द निवासी प्रेमचंद की थी कि 2014,15 में तत्कालीन सरपंच सुनीता ने भगवान दास के घर से लेकर बाघ चंद के घग्गर तक बनने वाले आठ लाख 6 हजार रुपये की राशि में से दो लाख 32 हजार रुपये की राशि खुर्द बुर्द कर दी और गली का निर्माण नहीं करवाया।

एसडीएम जयबीर यादव ने जांच रिपोर्ट रखते हुए कहा कि दो लाख 32 हजार रुपये का दुरुपयोग किया गया। 2017 में रिकवरी डाली गई थी। जिस गली का निर्माण किया गया वह गैर मुमकिन जगह थी। विज ने कहा कि सरपंच पर केस दर्ज करवाया जाए। तब सरपंच के पति रमेश ने कहा कि ये बेइंसाफी हो रही है। हमारा पक्ष नहीं सुना जाता। उसका छोटा बच्चा है। वह समाज सेवी आदमी है। लेकिन विज ने पुलिस को सरपंच व उसके समर्थकों को बाहर निकालने का आदेश दिया।

एचओडी पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश

पांच नंबर शिकायत में बरनाला रोड की बाटा कालोनी निवासी राजकुमारी ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ वेतन व अनुभव प्रमाण पत्र में गड़बड़ी की शिकायत दी थी। कॉलेज प्रशासन ने उसकी सहायिका को 6 हजार रुपये मासिक वेतन दिया। जबकि उसे पांच हजार रुपये। जबकि दोनों का पद व ज्वाइनिंग एक ही समय की थी। एसडीएम जयबीर यादव ने कहा कि कमेटी ने एक हजार रुपये की राशि रिकवर कर ली। कॉलेज प्रिंसिपल ने कहा कि प्राध्यापक को एचओडी के पद से हटा दिया गया। विज ने टेंपरिंग के दोषी प्राध्यापक पर एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए।

रानियां नगर पालिका की स्टेट विजिलेंस जांच
शिकायत नंबर 6 में रानियां के नकौड़ा बाजार निवासी संदीप सरदाना ने रानियां नगरपालिका पर सरकार की ओर से भेजी गई ग्रांट का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए। संदीप सरदाना ने कहा कि रानियां के वार्ड नंबर 12 में बने पार्क को 2015 में बनाया गया। इसके बाद 2017 व 18 में उसी पार्क का दोबारा निर्माण करके लाखों रुपये की धांधली की गई।

साथ ही शहर की एलईडी लाइट घटिया पोल लगाए गए। पहले 50 लाख का एस्टीमेट था, उसे बाद में करोड़ और फिर डेढ़ करोड़ तक रिवाइज कर दिया गया। तब कष्ट निवारण समिति के सदस्य बलवान जांगड़ा ने कहा कि तत्कालीन नगर पालिका सचिव ने कई गलत काम करके गया है। एसडीएम ऐलनाबाद ने अपनी रिपोर्ट रखते हुए कहा कि काम में अनियमितताएं हैं। विज ने कहा कि रानियां नगर पालिका का 2012 से लेकर 2019 तक के पूरे विकास कार्यों की जांच स्टेट विजिलेंस से करवाई जाए।

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