हरियाणा के रोहतक स्थित महार्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) में महिला सफाईकर्मियों के साथ अमानवीय व्यवहार का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि ड्यूटी पर देर से पहुंचने पर कुछ महिलाओं को कपड़े उतारकर निजी अंगों की तस्वीरें लेने और सैनिटरी पैड दिखाने के लिए मजबूर किया गया, ताकि यह साबित किया जा सके कि वे माहवारी (पीरियड्स) में थीं।
यह घटना 26 अक्टूबर की बताई जा रही है, लेकिन मामला गुरुवार को तब सामने आया जब महिला कर्मचारियों के साथ छात्रों और कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
तीन कर्मचारियों पर यौन उत्पीड़न की धाराओं में FIR दर्ज
पीड़ित महिला की शिकायत पर PGIMS थाना, रोहतक में विश्वविद्यालय के तीन गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनमें दो पुरुष और एक महिला शामिल हैं।
एक आरोपी ने दावा किया कि उसे सिर्फ ‘‘दूर से हंसने’’ के आरोप में झूठा फंसाया गया है।
शुक्रवार देर रात तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
पीड़िता ने बताई दहला देने वाली आपबीती
शिकायत के अनुसार, महिला सफाईकर्मी ने देर से आने का कारण पीरियड्स में दर्द बताया था। पहले तो यह मान लिया गया, लेकिन बाद में एक फोन कॉल के बाद सुपरवाइज़र ने इसका “सबूत” मांगा।
इसके बाद आरोप है कि एक महिला कर्मचारी को कहा गया कि वह अन्य कर्मियों के सैनिटरी पैड चेक करे और तस्वीरें ले।
शिकायत में कहा गया कि इससे कई महिलाओं को बेइज़्जती, मेंटल ट्रॉमा और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
विश्वविद्यालय में जांच समिति गठित, एक पर्यवेक्षक निलंबित
MDU प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक आंतरिक जांच समिति गठित कर दी है, जिसकी अध्यक्षता रसायन विभाग की प्रोफेसर सपना गर्ग को सौंपी गई है।
साथ ही, एक सुपरवाइज़र को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान, रिपोर्ट तलब
हरियाणा राज्य महिला आयोग ने घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे “बेहद घृणित और स्त्री सम्मान के खिलाफ” बताते हुए 5 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
MDU में विरोध प्रदर्शन, कड़ी कार्रवाई की मांग
घटना के विरोध में गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में भारी प्रदर्शन हुआ।
MDU के रजिस्ट्रार के.के. गुप्ता ने कहा:
“हम मामले की पूरी जांच कर रहे हैं। दोषी पाए जाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। आवश्यकता पड़ी तो SC/ST एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया जाएगा।”