हरियाणा के करनाल जिले के दो युवक कथित तौर पर अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों यानी ‘डॉंकरों’ के चंगुल में ईरान में फंस गए हैं, जहाँ उनसे मारपीट कर फिरौती वसूलने की कोशिश की जा रही है। दोनों के परिवारों ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराते हुए सरकार से तत्काल बचाव की अपील की है।
जानकारी के अनुसार, 24 वर्षीय ऋतिक और 40 वर्षीय पवन को स्पेन में नौकरी दिलाने का झांसा देकर “डॉंकी रूट” से ईरान ले जाया गया। दोनों युवक 22 अक्टूबर को घर से निकले थे। इसके बाद उनके परिवारों को कुछ वीडियो भेजे गए, जिनमें दोनों को बुरी तरह पीटा जा रहा है और वे मदद की गुहार लगा रहे हैं।
करनाल पुलिस ने दो मामले दर्ज कर जांच शुरू की
करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने बताया कि पीड़ित परिवारों की शिकायत पर निगधू और करनाल सदर थाने में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं।
एसपी पुनिया ने कहा:
“हमें घटना से जुड़े वीडियो और संपर्क नंबर मिले हैं, जिन्हें आगे संबंधित एजेंसियों को भेज दिया गया है ताकि दोनों युवकों को सुरक्षित वापस लाया जा सके। मैं फिर अपील करता हूँ कि युवा विदेश जाने के लिए अवैध रास्तों और एजेंटों के झांसे में न आएँ।”
पुलिस के अनुसार, ऋतिक (जांबा गाँव) और पवन (दादूपुर गाँव) को तेहरान में धमकाकर उनकी फैमिली से बड़ी रकम की मांग की जा रही है। परिवारों को जो वीडियो भेजे गए, उसमें दोनों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा जा रहा है और हमलावर धमकियाँ दे रहे हैं।
ऋतिक के भाई अंकित के अनुसार, उसका भाई कई बार विदेश जाने की कोशिश कर चुका था, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार एक एजेंट ने दोनों को स्पेन भेजने का वादा किया और मोटी रकम वसूली।
अमेरिका से भी लौटाए गए 54 युवक
इसी सप्ताह हरियाणा के 54 युवकों—जिनमें 16 करनाल से थे—को अवैध तरीके से अमेरिका पहुँचने की कोशिश में डिपोर्ट कर दिया गया। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत पुलिस के पास नहीं पहुँची।
कैथल का मामला: फिरौती न देने पर ‘डॉंकरों’ ने युवक की हत्या
एक अन्य दिल दहला देने वाली घटना में कैथल के मोहन गाँव के 18 वर्षीय युवराज की दक्षिण अमेरिकी देश में डॉंकरों द्वारा हत्या कर दी गई। परिवार ने आरोप लगाया कि फिरौती समय पर न मिलने पर युवक को मार दिया गया।
युवराज अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। परिवार के अनुसार, तीन एजेंटों ने उसे अमेरिका भेजने के लिए पहले ₹40-41 लाख लिए और बाद में ₹5 लाख और माँगे। एजेंटों ने बार-बार पैसे लेेने के बाद भी यात्रा टालते रहे। इसी दौरान युवराज को डॉंकरों ने किडनैप कर लिया।
युवराज के चाचा ने बताया:
“डॉंकरों ने हमें वीडियो भेजा जिसमें युवराज को पीटा जा रहा था और वह रोकर मदद मांग रहा था। एजेंट हमें भरोसा दिलाते रहे कि वह सुरक्षित है, लेकिन तब तक उसकी हत्या हो चुकी थी।”
परिवार के अनुसार, मार्च में पुलिस को लिखित शिकायत दी गई थी, लेकिन समय रहते कार्रवाई न होने और एजेंटों द्वारा पैसा देर से भेजे जाने के कारण युवराज की जान नहीं बच सकी। परिवार ने बताया कि बाद में ₹3-4 लाख एक डॉंकर को भुगतान किया गया, जिसने युवराज का डेथ सर्टिफिकेट और शव की तस्वीरें भेजीं। शव का अंतिम संस्कार वहीं कर दिया गया। अब एजेंटों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गुरुवार को गाँव में युवराज के लिए शोक सभा आयोजित की गई।