लड़ाकू विमान राफेल 27 जुलाई को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंच गए थे। मगर गुरुवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में वायुसेना में औपचारिक रूप से इन्हें शामिल किया जाएगा। इंडक्शन सेरेमनी में आसमान में दुनिया मेड इन फ्रांस राफेल के साथ-साथ ‘हमारी’ ताकत भी देखेगी। कार्यक्रम में लड़ाकू विमान तेजस की गर्जना भी सुनाई देगी। इसके अतिरिक्त ‘सारंग एयरोबैटिक टीम’ के ध्रुव हेलीकॉप्टरों का जत्था राफेल के स्वागत में करतब करेगा।
दोनों तमिलनाडु के सुलूर एयरफोर्स स्टेशन से अंबाला पहुंच चुके हैं और पिछले दो दिनों से राफेल के साथ अभ्यास में जुटे हुए हैं। तेजस और ध्रुव भारत में ही तैयार किए गए हैं। तेजस का इस्तेमाल वायुसेना के साथ-साथ नौसेना भी करती है। खास बात यह कि इस ऐतिहासिक पल के गवाह भारत के साथ-साथ फ्रांस के रक्षामंत्री भी बनेंगे।
राजनाथ, फ्रांस की रक्षामंत्री पार्ले, सीडीएस रावत होंगे शामिल
समारोह में भाग लेने के लिए देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले बतौर मुख्यातिथि अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेंगे। इनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस आरएंडडी के सचिव व डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी समेत रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
केंद्रीय राज्य मंत्री एवं अंबाला सांसद रतन लाल कटारिया समेत प्रदेश के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस समारोह का हिस्सा बनेंगे। इनके अतिरिक्त फ्रांस से आए अतिथियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेगा। इसमें भारत में फ्रांस के राजदूत इमानुअल लेनन, वाइस चीफ ऑफ फ्रेंच एयरफोर्स एयर जनरल ऑटेलेट, फ्रेंच डिफेंस इंडस्ट्री दसाल्ट के चेयरमैन इरिक ट्रापियर और एमडीडीए के सीईओ इरिक बेरानगर भी मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
गोल्डन एरो के कंधों पर राफेल की जिम्मेदारी
वायुसेना की दशकों पुरानी और भारत-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभा चुकी 17 स्क्वाड्रन गोल्डन एरो के कंधों पर राफेल की जिम्मेदारी है। इस स्क्वाड्रन को खत्म कर दिया गया था। मगर अब इसे राफेल के लिए फिर पुनर्जीवित किया गया है। 27 जुलाई को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे पांच राफेल इसी स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। इन पांच राफेल में से तीन सिंगल और दो डबल सीटर जेट हैं।