टेक्नोलॉजी कंपनी एपल को प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए जाना जाता है, जबकि गूगल के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर अक्सर सवाल खड़े किए जाते हैं। वहीं अब एपल को घेरते हुए गूगल ने एपल के सफारी ब्राउजर में बड़ी खामी निकाली है। गूगल ने दावा किया है कि सफारी ब्राउजर का एंटी ट्रैकिंग फीचर वास्तव में ट्रैकिंग के लिए काम करता है।
ट्रैकिंग का काम कर रहा था एंटी ट्रैकिंग फीचर
गूगल के सिक्योरिटी इंजीनियर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सफारी ब्राउजर में एक लूपहोल (त्रुटि) है जिसके कारण यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में है। इसका फायदा उठाकर हैकर्स सफारी ब्राउजर से यूजर्स की निजी जानकारी हासिल कर सकते हैं और उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। सफारी ब्राउजर के इस लूपहोल का फायदा उठाकर हैकर्स यूजर्स की ब्राउजिंग हिस्ट्री देख सकते थे और वेबसाइट्स यूजर्स के बिहैवियर को ट्रैक कर सकती है, हालांकि एपल ने अब इस बग को फिक्स कर दिया है।
इंटेलिजेंट ट्रैकिंग प्रिवेंशन (ITP) में था बग
गूगल की रिपोर्ट में कहा गया था कि सफारी ब्राउजर के इंटेलिजेंट ट्रैकिंग प्रिवेंशन (ITP) में बग था जो कि विपरित दिशा में काम कर रहा था। एक उदाहरण से समझें तो इंटेलिजेंट ट्रैकिंग प्रिवेंशन फीचर यूजर्स को ट्रैक होने से बचाने के लिए दिया गया है, जबकि यह ट्रैक होने में मदद कर रहा था। आमतौर पर जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो आपसे कूकिंज अलाउ करने के लिए कहा जाता है, लेकिन सफारी के साथ ऐसा नहीं है। सफारी किसी वेबसाइट को कूकिज अलाउ नहीं करता है, लेकिन इस बग के कारण वेबसाइट्स को कूकिद मिलने लगी थी।
सफारी की प्राइवेसी पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब सफारी ब्राउजर की प्राइवेसी पर सवाल खड़े हुए हैं। इससे पहले पिछले साल भी सफारी ब्राउजर में टू नॉट ट्रैक नाम का एक फीचर था जिसे बाद में एपल ने हटा दिया। इस फीचर का फायदा उठाकर वेबसाइट्स लोगों को आसानी से ट्रैक कर रही थीं।