एनआरसी और एनपीआर को लेकर देशभर में जारी विरोध के बीच सरकार एक और रजिस्टर बनाने जा रही है। यह नेशनल बिजनेस रजिस्टर होगा। इसमें हर जिले के सभी छोटे-बड़े बिजनेस की जानकारी होगी। वर्तमान में जारी सातवीं आर्थिक जनगणना के आधार पर इस रजिस्टर के लिए जानकारी जुटाई जाएगी। इस रजिस्टर में माल, सेवा के उत्पादन/वितरण में लगी सभी बिजनेस इकाइयों और संस्थानों की जिलेवार जानकारी होगी। इसको जीएसटी नेटवर्क, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से मिलने वाले आंकड़ों से नियमित आधार पर अपडेट किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस रजिस्टर में जुटाए गए डिजिटल डेटा से नेशनल अकाउंट्स की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
ये जानकारियां रहेंगी रजिस्टर में:
- बिजनेस एंटरप्राइजेज का नाम
- उसकी लोकेशन
- गतिविधियां
- स्वामित्व का प्रकार
- कर्मचारियों की संख्या
- पैन/टैन
एक प्लेटफॉर्म पर सारी डिटेल :
- यह रजिस्टर सर्विस सेक्टर के प्रस्तावित सालाना सर्वे के लिए इनपुट उपलब्ध कराएगा।
- देश में मौजूद सभी बिजनेस इकाइयों-संस्थानों की जानकारी एक जगह पर मिल सकेगी। इसके लिए वित्त मंत्रालय से पहले संपर्क किया जा चुका है।
- जीएसटी के तिमाही कलेक्शन, टैक्स चुकाने वाले बिजनेस की जानकारी साझा हो सकेगी।