हरियाणा विधानसभा में पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भूमिका क्या रहेगी। इस पर सीएम मनोहर लाल और पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने-अपने अंदाज में विचार रखे। दोनों दिग्गजों ने विधानसभा में ट्रेनिंग सेशन में विधायकों से आह्वान भी किया वे जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी भूमिका को सुदृढ़ बनाएं। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पक्ष का विधायक तो पक्ष की बात करेगा, विपक्ष का विधायक विपक्ष की कहेगा।
अच्छा विधायक वही कहलाएगा जो ‘निष्पक्ष’ की बात करेगा। इसलिए विधायक हमेशा जनहित की बात को ध्यान में रखकर ही मुद्दों को सदन में उठाएं। सीएम ने कहा कि ‘मैं यह नहीं कहता कि विधायक सदन में अपने इलाकों में गलियां, नालियां, सफाई इत्यादि जैसे मुद्दे न उठाएं। मेरा मानना है कि विधायकों के लिए इससे ज्यादा महत्वपूर्ण काम है सरकार संचालन में अपना योगदान देना, जनहित के लिए नए कानून बनाना, पुरानों कानूनों में समयानुसार जरूरी संशोधन करना, नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर जनहित में फैसला करना।
मुझे लगता है, इस काम में शायद हम बहुत पीछे हैं।’ सीएम के अनुसार सदन में नए बदलाव लाने होंगे, जो प्रदेश और प्रदेशवासियों के हित में हों। हमें एक स्टेट्समैन की तरह बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना होगा। हमें इस बात का भी हमेशा ध्यान रखना होगा कि अब वो युग नहीं है, जब राजा का बेटा ही राजा बनता था। अब इस लोकतंत्र में जनता जर्नाद्धन जिसे आशीर्वाद देगी, वहीं शासन करेगा, वही राजा बनेगा।
विद्यार्थी बनकर रहोगे, तो हमेशा सीखोगे: हुड्डा
पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधायकों से कहा कि यदि विद्यार्थी बनकर रहोगे, तो हमेशा सीखोगे। मैं चार बार सांसद, पांच बार विधायक रहने के बावजूद आज भी एक विद्यार्थी हूं और सीख रहा हूं। हुड्डा ने कहा कि विधानपालिका और कार्यपालिका के प्रति हमारी क्या जिम्मेवारी है, उसे समझना होगा।
कानून बनाने में सहयोग करना, सरकार पर नियंत्रण रखना यह हमार महत्वपूर्ण काम है। विपक्ष का काम सिर्फ आलोचना और विरोध करना नहीं है, बल्कि सरकार के संचालन में अपना महत्वपूर्ण सहयोग देना है। हुड्डा ने भी विधायकों से आह्वान किया कि वे मुद्दे का अध्ययन कर सदन में आएं, ताकि उनका जवाब प्रभावशाली रहे।
ट्रेनिंग को अमल में लाएं विधायक: दुष्यंत चौटाला
इस अवसर पर संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी अपने अनुभव सांझे करते हुए कहा कि यह ट्रेनिंग सैशन सिर्फ औपचारिकता मात्र न रह जाए। सभी विधायक ट्रेनिंग में सिखाई बातों को अमल में जरूर लाएं। दुष्यंत ने कहा कि जब वे सांसद थे, तो उनका अनुभव अलग है, आज वे भी इस ट्रेनिंग सेशन में बतौर डिप्टी सीएम नहीं,बल्कि बतौर विधायक सीख रहे हैं, क्योंकि वह भी विधानसभा में पहली बार आए हैं।
उनके अनुसार सभी विधायकों की यह बड़ी जिम्मेवारी है कि वे अपनी कार्यप्रणाली से कैसे सदन का माहौल बेहतर बनाते हुए इसका लाभ जनहित तक पहुंचाते हैं। दुष्यंत ने इस दौरान हरियाणा की पंचायती संस्थाओं को और मजबूती देने पर भी बल दिया।
विषय की जानकारी के साथ सदन में बोले, अन्यथा खराब होता है समय
इसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्प्ता ने भी विधायकों को सलाह देते हुए कहा कि विषय की जानकारी केसाथ ही विधायक सदन में बोलें, अन्यथा सदन का समय खराब होता है, जो जनहित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रशिक्षण लेने वालों में 44 नए व 46 पुराने विधायक हैं। इसलिए सभी को अपनी जिम्मेवारी के साथ आगे बढ़ना है।
अध्यक्ष ने शायराना अंदाज में कहा कि बोले, विधायक जनता के हितों के लिए संघर्ष करते रहे, क्योंकि ‘जो चल रहा, उसके पांव में छाला है और जो जल रहा, उसे से उजाला है।’ उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जनप्रतिनिधियों को लोकतांत्रिक परम्पराओं और मर्यादाओं की जानकारी देगा, जिससे हम लोकतंत्र को और अधिक सुदृढ़ कर सकेंगे।
लोकसभा सचिवालय नई दिल्ली के लोकतंत्र के लिए संसदीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक पुलीन भूटिया ने ‘भारतीय संसदीय प्रणाली की क्षमता बढ़ाने में प्राइड की भूमिका’ विषय पर एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। इसी प्रकार, लोकसभा के निदेशक वीके मोहन ने सत्र में संसद में ‘सरकारी कार्य तथा प्राइवेट मेम्बर्स कार्य’ विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया।