लद्दाख से 400 किलोमीटर दूर थिओसे ग्लेशियर पर देश की रक्षा के लिए ड्यूटी करते समय शहीद हुए टांडा के गांव जहूरा के हवलदार बलजिंद्र सिंह का सैकड़ों नम आंखों की मौजूदगी में सरकारी फौजी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 2 सिख लाई में बतौर हवलदार तैनात बलजिद्र सिंह 17 जनवरी को अचानक ड्यूटी दौरान सख्त बीमार हो गए और शहीद हो गए। दोपहर जब शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो गांव में मातम का माहौल था। उनकी चिता को मुखाग्नि चार साल के जुड़वां बेटों ने दी।
हवलदार बलजिंद्र सिंह पुत्र स्व. गुरबचन सिंह अपने पीछे माता कुंती देवी, पत्नी प्रदीप कौर, चार वर्षीय दो जुड़वां बेटे छोड़ गए हैं। रविवार को जब उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो गांव में मातम-सा माहौल था। शहीद की एक झलक पाकर उसकी माता कुंती देवी, पत्नी प्रदीप कौर और अन्य पारिवारिक सदस्यों के विलाप से सभी का कलेजा फट रहा था। शहीद की पत्नी प्रदीप कौर और 4 साल के दोनों जुड़वां बेटों विहान प्रीत और मानव प्रीत द्वारा अपने पिता को सलामी देने पर माहौल बेहद भावपूर्ण और गमगीन बन गया। आखिर गमगीन महौल के बीच सैनिक सम्मान से उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। चिता काे मुखाग्नि जुड़वां बेटों विहान प्रीत और मानव प्रीत ने दी।
इस मौके पर फौज की टुकड़ी ने शहीद को सलामी दी। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विधायक संगत सिंह गिलजियां, एडीसी हरप्रीत सूदन, एसडीएम ज्योति बाला मट्टू और फौज के अधिकारियों ने शहीद को फूलमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। विधायक गिलजियां ने बताया कि मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए सरकार की ओर से शहीद के परिवार को 12 लाख को एक्सग्रेशिया ग्रांट और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।