कानपुर के चकेरी में नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का प्रयास करने वालों को सजा दिलाने की पैरवी कर रही केस की मुख्य गवाह रही पीड़िता की मां का शुक्रवार को निधन हो गया। केस वापस लेने का दबाव बनाने के लिए अरोपियों ने नौ जनवरी को घर में घुसकर उसे चापड़ मारकर मरणासन्न कर दिया था। इस हमले में उसकी बहन भी गंभीर रूप से घायल हुई थी।
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही पीड़िता ने हैलट अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उधर, हमले की रिपोर्ट में हत्या की धारा बढ़ाकर पुलिस आरोपियों की तलाश मेें है। जाजमऊ भठ्ठा के एक साइकिल दुकानदार की नाबालिग बेटी से दो साल पहले दुष्कर्म का प्रयास हुआ था।
घटना के समय मौजूद मां ने बतौर चश्मदीद आरोपी आबिद, परवेज उर्फ पिंटू, महबूब, महफूज और चांद बाबू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वह लगातार पैरवी भी कर रही थी। ऐसे में आरोपी उस पर गवाही से पीछे हटने का दबाव बना रहे थे।
पीड़िता ने इसकी जानकारी पुलिस को भी दी थी लेकिन न तो उसे सुरक्षा मिली और न ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई। इससे उनका हौसला इतना बढ़ गया कि नौ जनवरी की रात घर में घुसकर महिला और उसकेपरिवार पर रॉड और चापड़ से हमला कर दिया।
महिला और उसकी बहन को घर से बाहर खींचकर बेरहमी से मारापीटा गया। मोहल्ले वाले 112 नंबर पर कॉल करते रहे और बेखौफ हमलावार महिलाओं को मरणासन्न कर भाग निकले। काफी देर बाद पहुंची पुलिस ने दोनों को गंभीर हालत में हैलट अस्पताल पहुंचाया। जहां शुक्रवार को एक महिला की मौत हो गई। जबकि दूसरी महिला एक निजी अस्पताल में भर्ती है।
दो आरोपियों को पकड़कर चुप बैठ गई पुलिस
मृतका के पति ने बताया कि 10 जनवरी को चकेरी पुलिस ने हमलावर फिरोज, जमील, विक्की, मिंटू, आबिद, महबूब, महफूज, चांद बाबू, बाबू भाई और तीन अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। 13 जनवरी को पुलिस ने मुठभेड़ केदौरान पैर में गोली लगने के बाद मक्कू शहीद भठ्ठा निवासी आरोपी महबूब को गिरफ्तार कर लिया।
इसके दो दिन बाद महफूज को दबोचा गया। लेकिन इसके बाद पुलिस खामोश बैठ गई। इससे बाकी आरोपी बेखौफ होकर घूम रहे हैं। घरवालों के मुताबिक पुलिस शुरुआत से ही कार्रवाई करती तो महिला की जान बच सकती थी।
महिला की मौत के बाद रिपोर्ट को हत्या में बदलकर कार्रवाई की जा रही है। दो आरोपी पकड़े जा चुके हैं। फरार आरोपियों को पकड़ने का प्रयास चल रहा है।