भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सीएए का विरोध करने वालों को पागल और अनपढ़ कहा है। कहा- सीएए में ऐसी कौन सी बात है जो आपत्तिजनक है? स्वामी ने कहा कि 2003 में जब अटलजी की सरकार थी तब सांसद मनमोहन सिंह ने खड़े होकर आडवाणीजी से कहा- कृपया जो लोग धर्म के अधार पर आए हैं, उनको नागरिकता देना चाहिए। स्वामी मंगलवार रात यहां एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान का मुसलमान आना नहीं चाहता तो क्या उन्हें घसीटकर लाया जाए। 1947 में देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था। तब डॉ. आंबेडकर ने कहा था दोनों ही देश में धर्म के आधार पर जनसंख्या इधर-उधर होना चाहिए, लेकिन गांधीजी नहीं माने। सीएए महात्मा गांधीजी का भी आग्रह था। हमने कांग्रेस और गांधी जी के आग्रह को पूरा किया।
जांच करा लो मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही निकलेंगे
स्वामी ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम का डीएनए (डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक अम्ल) एक है। मैंने सांसद ओवैसी को एक टीवी साक्षात्कार में कहा- हैदराबाद में माइक्रोबॉयोलाजी लैब है, वहां जांच करा लो। मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही निकलेंगे। आज एक समान और संस्कृति बनाने के लिए हमारी सरकार भी प्रयास कर रही है। जहां न्यायपूर्ण है वहां बदलाव ला रहे हैं। हमने ट्रिपल तलाक समाप्त किया।
थोड़े दिन में लाने वाले हैं समान नागरिक संहिता
स्वामी ने कहा कि थोड़े दिन में हम यूनिफाॅर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लाने वाले हैं। संविधान की धारा-44 में इसका उल्लेख है। सुप्रीम कोर्ट ने 70 साल में 10 बार कहा होगा, लेकिन किसी सरकार ने कदम नहीं उठाया। हमारा कहना है- प्रधानमंत्री मोदी के मन में आ जाएगा तो 5 मिनट में हो जाएगा। 1947 में हिंदुओं की विकास दर 2.5 थी, जो अब 1.6 प्रतिशत है। देश में केवल हिंदुओं का विकास दर कम हुआ है, मुस्लिम समुदाय का नहीं। केरल के मुस्लिमों में मैंने देखा है। उनकी विकास दर यूपी के हिंदुओं से कम है, क्योंकि यूपी के हिंदुओं में गरीबी ज्यादा है।