लुधियाना. किरपा’ वाले निर्मल बाबा के साथ साल 2012 में करीब एक करोड़ 7 लाख रुपए की ठगी करने के आरोपी पॉश इलाके साउथ सिटी के इंदरजीत आनंद को अदालत ने दोषी करार दिया है। ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट शिवानी गर्ग ने उसे तीन साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि सह-आरोपियों कृष्ण कुमार, सुधीर कुमार व उपेश कुमार को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
इस मामले में थाना पीएयू में साल 2012 में चारों आरोपियों के खिलाफ पर्चा दर्ज किया गया था। इसके अनुसार इंदरजीत आनंद ने पंजाब नेशनल बैंक की दिल्ली ब्रांच का एक करोड़ 7 लाख 12 हजार 500 का चैक लुधियाना के बाड़ेवाल रोड वाली इसी बैंक की ब्रांच में अपने खाते में लगाया था। जिस पर निर्मल दरबार की मोहर लगी थी और यह चैक उसी साल 14 फरवरी को कैश भी हो गया था।
आरोपी ने यह रकम चैकों व आरजीटीएस के जरिए निकलवाई थी। इसमें कुछ रकम सह-आरोपी उपेश कुमार को दी। इसी तरह उपेश व कृष्ण कुमार गुप्ता के जरिए दिल्ली में धीरज वालिया को भी दिए। कुछ पैसा कृष्ण कुमार व सुधीर स्याल को बतौर कमीशन दिया।
पीएनबी बाड़ेवाल ब्रांच में जब इसी बैंक की दिल्ली ब्रांच से फोन आया कि आरोपी इंदरजीत आनंद के खाते से कैश हुआ चैक जाली है। तब स्थानीय ब्रांच के मैनेजर ने 24 फरवरी को धोखाधड़ी की अर्जी लगाई थी।