अजय देवगन की मैग्नम ओपस तानाजी द अनसंग वॉरियर 10 जनवरी को रिलीज़ हो रही है। मराठा साम्राज्य और मुग़लों के बीच जंग की पृष्ठभूमि पर आधारित फ़िल्म में अजय देवगन तानाजी मालुसरे के किरदार में नज़र आएंगे, जो मराठा सेना में सूबेदार थे। ऐतिहासिक फ़िल्मों के लेकर अक्सर विवाद हो जाते हैं। ऐसे में सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) रिलीज़ से पहले ही काफ़ी सतर्कता बरतने लगा है जिसका अंदाज़ा तानाजी पर चली कैंची से हो जाता है।
बोर्ड ने जब तानाजी देखी तो उन्हें महसूस हुआ कि कुछ दृश्यों और डायलॉग्स से आपत्ति हो सकती है। लिहाज़ा इन्हें हटाने के लिए कहा गया है। बॉलीवुड हंगामा में छपी ख़बर के अनुसार, एक दृश्य में सैफ़ अली ख़ान का किरदार उदयभान कहता है- और मैं सिर्फ़ राजपूत। इससे राजपूत शब्द हटा दिया गया है। गोली, नौकरानी और नीचा ख़ून था तू जैसे शब्द और लाइंस हटा दी गयी हैं। फ़िल्म में एक दृश्य था, जिसमें उदयभान को अपनी मां का क़त्ल करते दिखाया गया था। यह सीन भी एडिट कर दिया गया है। एक डायलॉग की डबिंग भी सैफ़ से दोबारा करवाई गयी, ताकि अर्थ का अनर्थ ना हो।
इसके अलावा सीबीएफसी ने कई जगहों पर डिस्क्लेमर लगाने के निर्देश भी दिये हैं, जिनकी शुरुआत फ़िल्म शुरू होने के साथ ही हो जाती है। एक डिस्क्लेमर में यह कहा गया है कि फ़िल्म में मराठा शब्द का तात्पर्य मराठा समुदाय नहीं, बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिकों को मराठा कहकर संबोधित किया गया है। साथ ही यह भी साफ़ किया गया है कि तानाजी- द अनसंग वॉरियर तानाजी मालुसरे के जीवन से प्रेरित काल्पनिक प्रदर्शन है। यह डिस्क्लेमर 30 सेकंड तक रहेगा।
तानाजी- द अनसंग वॉरियर को ओम राउत ने निर्देशित किया है। अजय देवगन के साथ काजोल भी हैं, जो सावित्रीबाई का किरदार निभा रही हैं। शरद केल्कर शिवाजी महाराज के रोल में दिखेंगे। वहीं, सैफ़ का किरदार नेगेटिव है।