लखनऊ. प्रियंका ने कहा- हर शहर में देश के कौने-कौन में विद्यार्थी-युवा ऐसे कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार दमन और भय से आवाजें दबा रही है। जब-जब लोगों की आवाज दबाई जाती है, तब-तब कांग्रेस अन्याय के खिलाफ खड़ी होती है। कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए में भय नहीं है। कांग्रेस के दिल में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। हमारी विचारधारा अहिंसा, करुणा की है।
आज देश में वही शक्तियां सरकार चला रही है, जिनसे हमारी ऐतिहासिक टक्कर रही है। दमनकारी विचारधारा है, फूट की विचारधारा है। यह वही विचारधारा है जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया वह देशभक्ति के नाम पर देश में भय फैला रहे हैं। हमारी लड़ाई शुरू से इसी विचारधारा के खिलाफ है।
सीएए और एनआरसी जैसे कानून संविधान के खिलाफ हैं। जब युवाओं ने इसका विरोध किया तो दमनकारी नीतियां चलाई गईं। उन्होंने अपनी बिजनौर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा- कि वहां एक 21 साल का लड़का दूध लेने जा रहा था। पिता ने रोका, तो उसने कहा मैं 5 मिनट में आता हूं। वहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने धमकाया कि अगर एफआईआर कराओगे तो तुम्हारे खिलाफ केस कराएंगे। उसे उसके गांव में दफनाने नहीं दिया। वहां से 40 किलोमीटर दूर दफनाया गया। ऐसे कई लड़कों को मारा गया, जिसे मारा नहीं उसे जेल में डाल दिया गया, क्योंकि ये लोग विरोध कर रहे थे।
कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची प्रियंका गांधी ने कार्यकर्ताओं को संविधान के मूल्यों की रक्षा की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान को साक्षी मानकर हम शपथ लेते हैं कि संविधान में दिए गए लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और मजबूत करने के लिए जीवन भर प्रयासरत रहेंगे। प्रियंका ने शपथ के दौरान कहा कि संविधान पर हो रहे हमलों का विरोध करने के लिए हम संगठित होकर इसके खिलाफ लड़ेंगे।
प्रियंका गांधी की सुरक्षा में सेंध
कार्यक्रम के दौरान प्रियंका गांधी की सुरक्षा भंग हो गई। दरअसल, दर्शक दीर्घा से एक कार्यकर्ता दौड़ लगाकर प्रियंका के करीब जा पहुंचा। हालांकि, बाद में उसे सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया, लेकिन प्रियंका ने उन्हें मना करते हुए कार्यकर्ता से बात की।