दुष्कर्म का परिणाम / दरिंदे को नहीं मिली राहत, फांसी की सजा बरकरार |

सूरत. गुजरात हाईकोर्ट ने साढ़े तीन साल की मासूम की दुष्कर्म और हत्या के दाेषी 25 साल के युवक को फांसी की सजा बरकरार रखी है। हाईकोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी और एसी राव की खंडपीठ ने शुक्रवार को दोषी अनिल यादव की अपील खारिज कर दी। पॉक्सो कोर्ट के आदेश के 149 दिन के बाद हाइकोर्ट ने भी इसी सजा को यथावत रखा।

आरोपी के कमरे से मिला था मासूम का शव
अनिल यादव बिहार के बक्सर जिले का रहने वाला है। लिंबायत के गोडादरा इलाके में रहने वाली बच्ची 14 अक्टूबर को लापता हो गई थी। 15 अक्टूबर 2018 को उसका शव अनिल यादव के कमरे से मिला था, जिसमें वह किराए पर रहता था। पता चला कि अनिल ने दरिंदगी करने के बाद बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद वह फरार हाे गया था।

लोगों में था रोष

इस घटना के बाद सूरत सहित गुजरात के अन्य शहरों में प्रवासी मजदूरों के खिलाफ लोगों का आक्रोश भी देखने को मिला था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच दिन बाद ही अनिल यादव को बक्सर में उसके गांव से पकड़ा था। उस पर पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। तब पहली बार पॉक्सो मामले में सूरत जिले में 31 जुलाई को एडीजे पीएस काला ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसी सजा के खिलाफ दोषी अनिल ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

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