हरियाणा सरकार ने लंबे समय से अटके फरीदाबाद-नोएडा-गाज़ियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे को आखिरकार मंजूरी दे दी है, जिससे NCR में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
करीब दो दशक पहले योजना बनाई गई इस 56 किलोमीटर लंबी, छह लेन वाली सड़क परियोजना को अब हरी झंडी मिल गई है। यह एक्सप्रेसवे गाज़ियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद के बीच यातायात को सुगम बनाएगा और दिल्ली के ट्रैफिक पर बोझ कम करेगा। इसके पूरा होने के बाद फरीदाबाद से गाज़ियाबाद का सफर महज 30 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।
लंबे सफर से छुटकारा
अभी फरीदाबाद से नोएडा जाने के लिए यात्रियों को दिल्ली के कालिंदी कुंज के रास्ते से जाना पड़ता है, जहां भारी ट्रैफिक की वजह से सफर लंबा और थकाऊ हो जाता है। FNG एक्सप्रेसवे एक सीधा और सुगम मार्ग प्रदान करेगा, जिससे यात्रा का समय बचेगा और NCR में बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।
इस परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
FNG एक्सप्रेसवे का रूट और मुख्य विशेषताएं
यह एक्सप्रेसवे ग्रेटर फरीदाबाद के पास स्थित मां अमृता अस्पताल से शुरू होगा और लालपुर गांव के पास यमुना नदी को पार करते हुए नोएडा में प्रवेश करेगा। लालपुर के पास यमुना पर 600 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा, जिसकी लागत हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारें आधी-आधी साझा करेंगी।
दोनों राज्य सरकारें मिलकर इस परियोजना को तेजी से पूरा करने के लिए काम कर रही हैं, ताकि हरियाणा और यूपी के बीच यात्रा अधिक सुविधाजनक हो सके।
56 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में जरूरत पड़ने पर आठ लेन तक बढ़ाने की व्यवस्था भी रहेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 633 करोड़ रुपये बताई गई है।
यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ NCR के शहरों को जोड़ेगा, बल्कि लोगों के सफर को तेज, आसान और सुगम बनाएगा — साथ ही दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव भी कम करेगा।