10 फीसदी सीट बढ़ने से कॉलेजों पर बढ़ रहा है बोझ, नहीं है पूरे संसाधन |

नई दिल्ली , 2019 में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) कोटे के अंतर्गत दस फीसद सीट बढ़ने से प्रत्येक कॉलेजों पर अतिरिक्त भार बढ़ गया। इससे कॉलेज प्रशासन के समक्ष जगह की कमी की समस्या आ गई है। हर कॉलेज में कक्षा, शौचालय, पार्किंग, ऑडिटोरियम, खेल मैदान के लिए ज्यादा जगह महसूस की जाने लगी। सभी कॉलेज प्रशासन की ओर से सरकार से नई इमारत बनाने के लिए बजट पास करने का प्रस्ताव रखा पर कोई अपील स्वीकार नहीं हुई। अब 2020 में हम प्रवेश करने को हैं और जगह की ये किल्लत अब भी बरकरार है। नववर्ष में यह समस्या और गहराने वाली है, क्योंकि ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत दस फीसद सीटों में अब और इजाफा होगा। ऐसे में छात्र कहां बैठकर पढ़ेंगे व किसी भी कार्यक्रम में वे कैसे हिस्सा लेंगे, यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

नए कोर्स बढ़ने की है उम्मीद

द्वारका सेक्टर-2 स्थित भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज में 1500 विद्यार्थी पढ़ते हैं। 2020 में ईडब्ल्यूएस का दस फीसद कोटा बढ़ने से 150 सीटें बढ़ जाएंगी। इसके अलावा उम्मीद है कि इस वर्ष कॉलेज में सात नए कोर्स शुरू हो जाएंगे। इनमें गणित, ऑपरेशन रिसर्च, पर्यावरण विज्ञान, बायो- केमिस्ट्री, जियोलॉजी व मनोविज्ञान शामिल हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से कोर्स की फाइल पास हो गई है और अब दिल्ली सरकार के पास है।

नहीं है संसाधन

कोर्स बढ़ने के बाद सीटों की संख्या बढ़कर करीब 2500 हो जाएगी। ऐसे में विद्यार्थी कहां बैठेंगे, यह एक बड़ा सवाल है। कॉलेज की नई इमारत के लिए कॉलेज प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी की ओर से तैयार बजट दिल्ली सरकार को सौंप दिया है। जगह की किल्लत से जूझ रहे कॉलेज, 2020 में और बढ़ेगी समस्या ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत प्रत्येक कॉलेज में बढ़ेंगी दस फीसद सीटों के बढ़ने से समस्याएं आ आएंगी।

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