गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही एयर इंडिया के पायलटों और कमांडरों को दो से तीन सालों से उड़ान भत्ता और वेतन समय पर नहीं मिल रहा है। इस संदर्भ में इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ( ICPA ) ने नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र भी लिखा है। पत्र में पुरी से पायलटों और कमांडरों के लंबित बकाए का भुगतान करने को कहा गया है।
एयर इंडिया के पायलटों को दो-तीन साल से समय पर नहीं मिल रहा वेतन, उड्डयन मंत्री को लिखा पत्र
इससे पहले हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सरकार ने एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश की प्रक्रिया के तहत उसमें अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। वह लंबे समय से नुकसान में चल रही है और इसके पुनरुद्धार के प्रयासों के तहत सरकार ने विनिवेश का निर्णय लिया है।
एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपये का अनुमानित घाटा हुआ था। वहीं एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी के साथ-साथ एयर इंडिया एक्सप्रेस और विमानन कंपनी के संयुक्त उपक्रम एआईएसएटीएस में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया फिर से शुरू करने के लिए एयर इंडिया विशेष वैकल्पिक व्यवस्था (एआईएसएएम) को मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने पांच दिसंबर को कहा था कि सरकारी विमान कंपनी में 2011-12 से अब तक 30,520.21 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई जा चुकी है।
पिछले महीने सार्वजनिक क्षेत्र की एकमात्र विमानन कंपनी एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी ने खुला पत्र लिखकर कहा था कि, ‘एक एयरलाइन होने के नाते हम एक प्रतिस्पर्धी माहौल में काम करते हैं। हमारे प्रतियोगी प्रक्रियाओं और प्रतिबंधों से विवश नहीं हैं। हम आर्थिक रूप से और साथ ही परिचालन में बाधा से सामना करते हैं।’