बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक कुत्ता मुंह में नवजात बच्ची की सिर कटी लाश लेकर मंगलवार को घूमता रहा। कुत्ते को इस तरह लाश लेकर घूमते ग्रामीणों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी। वहीं ग्रामीणों की भीड़ जुटी तो कुत्ता शव को छोड़कर भाग गया। फिलहाल पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका है कि बच्ची किसकी है और कहां पर उसे फेंका गया था। हालांकि इस बात कि आशंका पुलिस जरूर जता रही है कि जब बच्ची को फेंका गया तो वह जिंदा थी। कुत्तों की खींचतान में सिर के धड़ से अलग होने की आशंका है।
अस्पताल से नहीं मिला बच्ची के जन्म का कोई सुराग, सिर का भी पता नहीं
- दरअसल, बालोद ब्लॉक के पीपरछेड़ी गांव में मंगलवार सुबह करीब 11.30 बजे एक कुत्ता मुंह में सिर कटी नवजात बच्ची का शव दबाए घूम रहा था। ग्रामीणों ने देखा तो भीड़ एकत्र हो गई। इसके बाद कुत्ता नेहरू चौक पर ही शव को छोड़कर भाग गया। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और शव को जब्त कर अस्पताल भिजवाया। बच्ची के सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को ही जन्म लेने की संभावना है। स्थानीय अस्पताल में बच्ची को लेकर पता कराया गया, लेकिन रिकॉर्ड से कोई जानकारी सामने नहीं आई।
- कोटवार व महिलाओं के जरिए आस-पास के गांव में भी पुलिस पता करवा रही है। आशंका है कि अवैध संबंधों के चलते जन्मी बच्ची को फेंका गया है। पुलिस के अनुसार ऐसा लग रहा है कि कुत्तों में नवजात की लाश के लिए छीना झपटी हुई होगी, उस वक्त यह बच्ची जिंदा भी रही होगी। लेकिन कुत्तों ने इसे इस कदर नोच डाला था कि सिर और धड़ ही अलग हो गए थे। जांच करने पहुंची पुलिस के सामने महज एक फीट का धड़ पड़ा हुआ था। सिर तलाशने के लिए ग्रामीणों की निशानदेही पर पुलिस 2 किमी तक निपानी रोड में भी घूमती रही पर नहीं मिला।
-
बच्चे पाल नहीं सकते तो इसे शिशु पालना में छोड़ जाइए
जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजानंद साहू ने कहा कि पीपरछेड़ी की यह घटना बहुत ही दुखद है। अगर किसी गलती से भी किसी को संतान प्राप्ति होती है और उसे पालने में सक्षम नहीं है। अवैध संतान है तो उसे कहीं फेंके या मारे नहीं बल्कि उसे शिशु पालना केंद्र में छोड़कर चले जाइए। दिसंबर 2015 से जिला अस्पताल बालोद सहित जिले के 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , गंगा मैया मंदिर झलमला, सियादेवी मंदिर नारागांव और महिला एवं बाल विकास विभाग बालोद के दफ्तर में शिशु पालना लगाया है।
-
अब तक 12 लाशें इस तरह मिल चुकी, कब रुकेगी नवजात के साथ हैवानियत
इस तरह की घटनाएं जिले में थम नहीं रही है। अब तक इस तरह 12 नवजात की लाश बरामद हो चुकी है। जिन्हें किसने फेंका, किसने पैदा किया, इसका पता पुलिस नहीं लगा पाई। लेकिन इस तरह नवजात को फेंकना फिर उनकी मौत हो जाना बहुत ही शर्मनाक है। आखिर क्यों इस तरह बच्चों के साथ व्यवहार हो रहा है। वह बेटी भी तो किसी के गोद में खेल सकती थी। लेकिन इस दुनिया में आए चंद घंटे हुए नहीं कि वह मौत के गोद में सो गई। सरकार इस तरह की अवैध संतानों को भी गोद लेने के लिए तैयार बैठी है।