सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत देने के तीन माह बाद भी एफआईआर का इंतजार कर रही दुष्कर्म पीड़िता ने इंसाफ के लिए हाईकोर्ट से फरियाद लगाई है। याचिका पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार, डीजीपी, एसएसपी तरनतारन व सीबीआई सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई पर सौंपने का आदेश दिया है।
पीड़िता ने एडवोकेट हिम्मत सिंह शेरगिल के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि वह 15 सितंबर को इलाज के लिए अमृतसर से तरनतारन के लिए निकली थी। जब वह वहां पहुंची तो कोई वाहन नहीं मिला और इस दौरान दो व्यक्ति वहां से गुजरे जिनमें से एक के हाथ में चोट लगी थी। उन्होंने याची को भी अपनी स्कूटर पर बैठाया और डॉ. के पास ले जाने की बात कही।
इसी बीच वे उसे जंगल में ले गए और दो और लोग वहां मौजूद थे। इसके बाद जान से मारने की धमकी देकर चारों ने दुष्कर्म किया और कहा कि पुलिस में उनका कनेक्शन है उनको कुछ नहीं होगा। इसके बाद वे वहां से चले गए। इसके बाद वह घर पहुंची और पति को सारी बात बताई। अगले दिन वह पति के साथ वहां पहुंची और स्कूटर नंबर के सहारे दो आरोपियों की पहचान की।
इसके बाद पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत देने की कोशिश की, लेकिन शिकायत नहीं ली गई। इसके बाद एसएसपी तरनतारन को शिकायत दी गई जिसे डीएसपी को सौंप दिया गया। जब वह डीएसपी कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि आरोपियों ने पीड़िता के खिलाफ ही झूठे केस में फंसाने की शिकायत दी है।
याची ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी या सीबीआई से जांच करवाने की अपील की है।