चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) की रिपोर्ट (2020–22) के अनुसार, राज्य की मातृ मृत्यु दर (MMR) में 17 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2019–21 में यह दर 106 थी, जो अब घटकर 89 हो गई है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने रविवार को इस आंकड़े को साझा करते हुए कहा कि यह उपलब्धि राज्य सरकार द्वारा मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि इस गिरावट का अर्थ है कि इस अवधि में लगभग 300 माताओं की जान बचाई जा सकी।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि वह मातृ मृत्यु दर को और घटाने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसका अंतिम लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) के तहत 1 लाख जीवित जन्मों पर 70 से कम मातृ मृत्यु तक पहुँचना है।
संस्थागत प्रसव में बढ़ोत्तरी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में सभी सरकारी डिलीवरी केंद्रों का आधुनिकीकरण किया गया है। ये केंद्र अब सभी आवश्यक दवाओं, उपकरणों और संसाधनों से पूरी तरह सुसज्जित हैं ताकि गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव सेवाएं मिल सकें।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 2024–25 में हरियाणा में संस्थागत प्रसव की दर 98.3% तक पहुँच गई है, जो सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर जनविश्वास और सुरक्षित प्रसव सेवाओं की व्यापक पहुँच को दर्शाता है।
आयुष औषधि प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ
इस मौके पर मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि सरकार ने आयुष औषधि इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली को औपचारिक रूप से लॉन्च कर दिया है। इस डिजिटल पोर्टल के माध्यम से पूरे राज्य में आयुष दवाओं के वितरण से जुड़ी सभी गतिविधियों की निगरानी और प्रबंधन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रणाली का उद्देश्य लोगों को गुणवत्तापूर्ण, समय पर और पारदर्शी तरीके से आयुष दवाएं उपलब्ध कराना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अंत में कहा कि सरकार भविष्य में भी मातृ स्वास्थ्य, नवजात सुरक्षा और आयुष सेवाओं के क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस कदम उठाती रहेगी।