हरियाणा विधानसभा ने शुक्रवार को अपने बजट सत्र के अंतिम दिन ‘जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा’ को आधिकारिक राज्य गीत के रूप में अपनाने की घोषणा की। इस प्रस्ताव को एक विशेष समिति द्वारा प्रस्तुत किया गया था और सदन में मतदान के माध्यम से सर्वसम्मति से पारित किया गया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गीत के निर्माण में योगदान देने वाले सभी सम्मानित व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह गीत हरियाणा के 2.80 करोड़ लोगों की भावना को प्रेरित करता है।” उन्होंने सुझाव दिया कि जिस प्रकार राष्ट्रगान के लिए स्थापित नियम और मानदंड होते हैं, उसी तरह राज्य गीत के लिए भी दिशानिर्देश निर्धारित किए जाने चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने रखा था प्रस्ताव
राज्य गीत का प्रस्ताव सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पेश किया गया था, जिसे सभी सदस्यों ने स्वीकार किया। इससे पहले भी विधानसभा में यह गीत बजाया गया था, जिसमें सदस्यों ने अपने सुझाव दिए थे।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “इन सुझावों को शामिल करने के बाद संशोधित संस्करण को आज फिर प्रस्तुत किया गया। हरियाणा 1966 में एक अलग राज्य बना, लेकिन अब तक इसका कोई आधिकारिक राज्य गीत नहीं था। एक राज्य गीत राज्य के गौरव को दर्शाता है।”
हरियाणा की भाषा और संस्कृति को दर्शाता है गीत
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह गीत हरियाणा की भाषा, संस्कृति और भाईचारे को प्रदर्शित करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि “सभी विधानसभा सदस्यों को इस गीत की एक प्रति दी जानी चाहिए ताकि वे इसे याद कर सकें, अच्छी तरह से सीख सकें और समझ सकें। जिस तरह राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ को हृदय से गाया और याद किया जाता है, उसी भावना से इस गीत को भी गाया जाना चाहिए।”