बारवा गांव की गीता ने भोपाल में आयोजित 10वीं राष्ट्रीय आईसीएफ ड्रैगन बोट रेस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। डी-20 नौकायन के टीम इवेंट में हरियाणा की टीम में खुद को साबित किया है। यह राष्ट्रीय प्रतियोगिता गत दिनों लोअर लेक भोपाल में हुई। हरियाणा की टीम ने मध्यप्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, मणिपुर और केरल की टीम को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। गीता ने बताया कि वैसे तो वह करनाल के गांव नरुखेड़ी की रहने वाली है। 2019 में कुरुक्षेत्र के बारवा गांव में शादी के बाद वह खेल से अलग हो गई, लेकिन मन में कहीं न कहीं टीस थी। शादी के तीन साल बाद उसने फिर से मैदान में उतरने की ठानी। बेटी के जन्म के बाद वजन बढ़ गया। फिर कड़ी मेहनत की और 15 किलो तक वजन कम किया। खुद को फिट कर फिर से नौकायन में अपना हुनर साबित करने के लिए मैदान में उतरी। करनाल में तीन व चार मई को हुए सीनियर ग्रुप के ट्रायल देकर हरियाणा की टीम में जगह बनाई। गीता ने बताया कि उसके खेल के सपने को पूरा करने में ससुर किशनलाल डांडा व पति ने पूरा साथ दिया। एक साल की बेटी थी, इसलिए प्रैक्टिस करना आसान नहीं था। पति व ससुर ने बेटी को संभाला। गीता ने वर्ष 2010 में वाटर स्पोर्ट में ब्रांज जीतकर खुद को साबित किया। इसके बाद 2011 में सिल्वर मेडल जीता। 2012 में एक सिल्वर मेडल व एक ब्रांज मेडल अपने नाम किया। वर्ष 2013 से लेकर 2018 तक हर बार मेडल जीते। गीता राष्ट्रीय स्तर पर 17 मेडल जीत चुकी है।