आयुषी 14 साल मे अपने हौसले और जज्बे को लेकर लोकप्रिय है. इनकी दिव्यांगता भी इनके जज्बे के सामने फ़ैल है. आयुषी पैरालम्पिक मे देश के लिए सोना लाना चाहती है. वह बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान की ब्रांड अम्बेस्डर भी है. वह राजस्थान मे हुए राष्ट्रीय पर तैराकी प्रतियोगिता मे भी भाग ले चुकी है और स्वर्ण पदक जीत चुकी है. इनके इस जज्बे को देश सलाम करता है.
दिव्यांग बेटी ने जीता स्वर्ण पदक ,नहर मे करती थी तैराकी का अभ्यास
