संयुक्त किसान मोर्चा पलवल द्वारा सोमवार को केंद्र सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में विश्वासघात दिवस मनाया गया। किसान गांव कुसलीपुर स्थित गुर्जर धर्मशाला पर एकत्र हुए। इसके बाद जुलूस निकालते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और धरना-प्रदर्शन किया। एसडीएम वैशाली सिंह को राष्ट्रपति के नाम समझौते में हुई मांगों को पूरा करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
विश्वासघात दिवस पर आयोजित धरने की अध्यक्षता नंदराम सरपंच पहरा ने की, जबकि संचालन रूपराम तेवतिया ने किया। आंदोलन के दौरान शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। किसान सुबह 11 बजे कुसलीपुर स्थित गुर्जर भवन में एकत्र हुए। इसके बाद जुलूस निकालकर लघु सचिवालय पहुंचे और करीब तीन घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। किसान नेता जगन डागर ने कहा कि सरकार का किसान विरोधी रुख इस बात से जाहिर हो जाता है कि 15 जनवरी तक शर्तों को पूरा करने के समझौते के बाद भी भारत सरकार ने किसी वायदे को पूरा नहीं किया है। आंदोलन में दर्ज किसानों के मुकदमों को भी वापस नहीं लिए गए हैं। शहीद किसान परिवारों को मुआवजा देने के वायदे पर पिछले दो सप्ताह में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर सरकार ने कोई कमेटी नहीं बनाई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय टेनी पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राज्यपाल वंडारू दत्तात्रेय के नाम सौंपे गए ज्ञापन में किसानों ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में बेमौसम बरसात और अन्य कारणों से खराब हुई फसलों की विशेष गिरदावरी कराकर मुआवजा दिया जाए। प्रत्येक सीजन में खाद की कमी के कारण किसानों को परेशानी होती है। इसे दूर करने की जरूरत है। मवेशियों के कारण फसल में काफी नुकसान होता है। पिछले 55 दिनों से हड़ताल कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विश्वासघात दिवस को समर्थन दिया। लघु सचिवालय में धरना दे रहीं कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मिलकर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हड़ताल की अध्यक्षता कमला सौरोत ने की, जबकि संचालन कृष्णा देवी ने किया। सीटू के जिला प्रधान श्रीपाल भाटी और जिला सचिव भागीरथ बेनीवाल ने कहा कि आंगनबाड़ी की हड़ताल को 50 दिन से अधिक हो गए हैं, लेकिन सरकार तरह-तरह के बहाने बनाकर हड़ताल को लंबा खींचना चाहती है।