लुधियाना कोर्ट परिसर में बम धमाके के मास्टरमाइंड जसविंदर मुल्तानी की गिरफ्तारी के बाद अब जांच एजेंसियों के निशाने पर होशियारपुर का मसूरपुर भी आ गया है। वजह है जसविंदर मुल्तानी मूलरूप से वहीं का रहने वाला है और उसका भाई भी जर्मनी में ही रहता है। मुल्तानी के खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह सिख फॉर जस्टिस के रेफरेंडम 2020 अभियान से भी जुड़ा था और इसी दौरान वह आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के नजदीक आया था
सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसियां को ब्लास्ट मामले में चीता और बाक्सर से पूछताछ में कई सुराग मिले थे। उन्हीं के आधार पर मुल्तानी का पता लगा और उसे भारत सरकार के आग्रह पर जर्मनी सरकार ने गिरफ्तार करवाया। ब्लास्ट मामले में मुल्तानी कनेक्शन का सामने आने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां और पंजाब की खुफिया एजेंसियां भी पूरी तरह से अलर्ट हो चुकी हैं।
गगनदीप सिंह के लैपटॉप और डोंगल से मिले कई राज
जांच के दौरान जब मृतक गगनदीप की पहचान हुई तो जांच एजेंसियां गगनदीप सिंह के खन्ना स्थित आवास पहुंचीं। जांच के दौरान एनआईए और एनएसजी की टीमों को वहां एक लैपटॉप व अन्य सामान मिला। क्षतिग्रस्त मोबाइल फोन और अधजला डोंगल गगनदीप सिंह के पास से ही मिला था। इसके अलावा एक डायरी और कुछ पैसे भी गगनदीप सिंह की जेब में मिले थे। सूत्रों के अनुसार जब पुलिस ने डोंगल की जांच की तो उसमें कई संदिग्ध नंबर मिले, जिससे यह साफ हो गया कि लुधियाना धमाके की साजिश विदेश से रची गई।
चीता और बाक्सर ने आतंकी भूरा और भूरा ने गगनदीप की आगे करवाई थी बात
प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए चीता और बाक्सर ने पूछताछ के दौरान बताया कि गगनदीप सिंह उन्हीं की बैरक में बंद था। सूत्रों के अनुसार चीता और बाक्सर जेल से ही आतंकी भूरा के संपर्क में रहते थे। आतंकी भूरा ने ही उनका नशा तस्कर रिंदा से संपर्क करवाया था। भूरा रिंदा के साथ और रिंदा आगे जसविंदर मुल्तानी के साथ संपर्क में था।
सूत्रों के अनुसार गगनदीप का भी चीता और बाक्सर ने भूरा से संपर्क करवाया और भूरा ने रिंदा से संपर्क करवाया। बाहर आकर रिंदा ने मुल्तानी से संपर्क करवा कर लुधियाना में ब्लास्ट की साजिश रची। सूत्र बताते है कि अगर गगनदीप सिंह लुधियाना में बम धमाके को सही तरीके से अंजाम देता तो उसे आगे दिल्ली और मुंबई में ब्लास्ट करने के लिए भेजा जाना था। सूत्रों के अनुसार यह बात भी सामने आ रही है कि मुल्तानी ने ही गगनदीप तक विस्फोटक पहुंचवाया था।
किसान अंदोलन के दौरान भी माहौल खराब करने की रची थी साजिश
कृषि कानूनों के खिलाफ जब किसान राजधानी की सरहदों पर धरने पर बैठे थे तो विदेश में बैठे आतंकी संगठनों ने भारत में माहौल खराब करने की काफी कोशिश की थी। उस समय भी रेफरेंडम 2020 का नारा गूंजा था और गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम खुलकर सामने आया था। जिसके बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई थीं।