किसान कानून पर घमासान, भारतीय किसान यूनियन ने हाईवे पर रोकी भाजपा की ट्रैक्‍टर रैली, एक की मौत

अंबाला -किसान कानूनों के समर्थन में भाजपा की ट्रैक्‍टर रैली को भारतीय किसान यूनियन ने साढ़े तीन घंटे तक रोक दी। इस विरोध में एक भाजपा नेता को दिल का दौरा पड़ गया और उसकी मौत हो गई।

दरअसल, बुधवार को नारायणगढ़ में किसान कानूनों के समर्थन में केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी व भाजपा नेता राजबीर बराड़ा की ट्रैक्टर रैली का भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने जमकर विरोध किया। किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 72 पर इस रैली में शामिल ट्रैक्टर को करीब साढ़े तीन घंटे तक रोके रखा और जमकर हंगामा किया। इस दौरान किसानों को संभालने में पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस प्रदर्शन के दौरान शहजादपुर से भाजपा नेता भरत सिंह (72) को दिल का  दौरा  पड़ गया, जिसे नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां से उसे प्राथमिक उपचार देकर सेक्टर 32 चंडीगढ़ स्थित अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस दौरान पुलिस ने वीडियोग्राफी भी की।

किसानों का सीधा यही कहना था कि यदि भाजपा नेता किसानों का साथ देना चाहते हैं, तो इस्तीफा देकर किसानों के साथ बैठें। किसानों ने भाजपा नेताओं को काले झंडे भी दिखाये। पुलिस ने वीडियोग्राफी भी की। मात्र तीन ट्रैक्टरों को ही आगे जाने दिया गया, जबकि बाकी को वापस भेज दिया गया। यह विरोध नारायणगढ़ से लेकर गांव अकबरपुर तक रहा।

भाकियू ने काले झंडे लेकर‍ किया विरोध

पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंची

इस पर पुलिस फोर्स बड़ी तदाद में मौके पर पहुंच गई और किसानों को सड़क से हटा दिया। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और ट्रैक्टर ट्राली रैली का विरोध करना शुरू कर दिया। रैली में शामिल जब ट्रैक्टर सड़क से गुजरने लगे, तो मामला बिगड़ गया, तो किसानों ने बीच सड़क आकर इसे रोक लिया। इस दौरान भाजपा की  रैली में शामिल एक ट्रैक्टर पर सवार भाजपा वर्कर भरत सिंह को दिल का दौरा पड़ गया। उसे रैली से निकालकर नागरक अस्पताल लाया गया, जहां से उसे सेक्टर 32 चंडीगढ़ स्थित अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन बीच रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतक गांव बड़ागढ़ का रहने वाला था, जो भाजपा किसान यूनयन का खंड शहजादपुर अध्यक्ष था।

भाकियू के जिला अध्यक्ष मलकीत सिंह का कहना है कि बीजेपी सरकार ने काला कानून बनाया है। अगर यह किसानों के हित में यह कानून होता तो आज देश का किसान सड़कों पर न होता। सरकार इस काले कानून को वापस ले और एमएसपी का लिखित में जारी करे कि जो इस रेट से कम खरीद करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

oldAuthor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *