भुगतान में देरी:72 घंटे में पेमेंट देने का था दावा, 11 दिन बाद भी धान की 1.19 अरब और कॉटन की 26.74 करोड़ राशि जारी नहीं

  • जिले की अनाज मंडियों में अब तक 59 हजार 297 एमटी धान व 48 हजार436 क्विंटल नरमे की हो चुकी खरीद

 

जिले की अनाज मंडियों में धान व नरमे की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले सरकार ने दावा किया था कि किसान को उसकी फसल की पेमेंट खरीद के 72 घंटे बाद उसके खाते में जारी कर दी जाएगी। लेकिन फतेहाबाद की अनाज मंडियों में यह दावा फैल हो गया है तथा खरीद के 11 दिनों के बाद भी अब तक किसानों को उनकी धान व नरमे की फसल की राशि जारी नहीं हुई है।

बता दें कि जिले में अब तक हुई धान की खरीद की 1.19 अरब तथा नरमे की 26.74 करोड़ राशि बकाया है जो किसानों व आढ़तियों के खाते में जारी होनी है। राशि जारी नहीं होने के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां बता दें कि जिले में अब धान की फसल की 59 हजार 297 मीट्रिक टन की तथा नरमे की 48 हजार 636 क्विंटल की खरीद हो चुकी है। विदित हो कि जिले में धान व नरमे की खरीद 5 अक्टूबर से शुरू हो गई थी।

किस खरीद एजेंसी ने कितना धान खरीदा

जिला में अब तक 59 हजार297 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है, जिसमें से फूड सप्लाई ने 20 हजार746 मीट्रिक टन, हैफेड ने 27 हजार699 मीट्रिक टन, एचडब्ल्यूसी ने 10 हजार512 मीट्रिक टन तथा एफसीआई ने 340 मीट्रिक टन की खरीद की है। बता दें कि जिले के 39 खरीद केंद्रों पर यह खरीद की गई है।

जिले में भूना व फतेहाबाद मंडी में हुई नरमा की अधिक खरीद

जिला में अब तक कुल 48 हजार 636 क्विंटल कॉटन फसल की खरीद की गई है, जिसमें फतेहाबाद मंडी से 20 हजार739 क्विंटल, भट्टू कलां मंडी से 138 क्विंटल, भूना मंडी से 25 हजार 314 क्विंटल, रतिया मंडी से 1478 क्विंटल, टोहाना मंडी से 793 क्विंटल तथा जाखल मंडी से 174 क्विंटल की खरीद हुई है।

अब 54 फीसदी धान का हो रहा उठान

पिछले 4 दिनों में अनाज मंडियों में धान की फसल का उठान करने में भी तेजी आई है। अब जिले की मंडियों से 54 फीसदी उठान हो रहा है। इसके चलते कुल खरीदे गए धान में से 32331 मीट्रिक टन धान की फसल का उठान हो चुका है। जिसमें फूड सप्लाई ने 10932 मीट्रिक टन, हैफेड ने 13053 मीट्रिक टन, एचडब्ल्यूसी ने 8146 मीट्रिक टन तथा एफसीआई ने 200 मीट्रिक टन धान की फसल का उठान किया है।

खरीद एजेंसियों को यह आ रही परेशानी

मौके पर किसान खरीद एजेंसी को उसके पास आया धान लाने का मैसेज नहीं दिखा पाते जिसके चलते एजेंसियों को सारा धान खरीदना पड़ रहा है। यह जब शेलर में पहुंचता है तो वहां से एजेंसी को जो मैसेज आता है वह किसान को भेजे गए मैसेज से मेल नहीं खाता। जिसके चलते एजेंसी पेमेंट वेरिफिकेशन नहीं कर पा रही है।

पंजाब के किसानों के लिए 19 से खुलेगा पोर्टल

जिले के पंजाब से लगते इलाके रतिया, जाखल व टोहाना की मंडियों में पंजाब के कई किसानों की आढ़त है। लेकिन मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण नहीं होने के चलते वे किसान अपनी फसल बेच नहीं पा रहे हैं। अब पंजाब के किसानों के लिए पोर्टल 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक खोला जाएगा।

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