पर्सनल लोन लेकर आवश्यकता पूरी करने से पहले जान लें यह महत्वपूर्ण बात

BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी का कहना है कि लोन का उपयोग तभी करना चाहिए जबकि आपकी बचत से काम नहीं हो सकता। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि लोन (Loan) की ईएमआई (EMI) आपकी कुल आमदनी के 40 फीसदी से अधिक नहीं हो। वह बता रहे हैं कि इस बारे में निर्णय कैसे लें।

तरह तरह के लोन

इस समय मार्केट में तरह-तरह के लोन मौजूद हैं। इन्हें ख़ास तौर पर दो श्रेणियों में रखा जा सकता है- सिक्योर्ड लोन (Secured Loan) और अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured Loan)। सिक्योर्ड लोन, अनसिक्योर्ड लोन से सस्ता होता है। सोना, संपत्ति, सुयोग्य इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस प्लान जैसी सिक्योरिटी को गिरवी रखकर सिक्योर्ड लोन लिया जा सकता है। लेकिन, समय पर सिक्योर्ड लोन न चुका पाने पर उधारदाता अपना पैसा वसूल करने के लिए उधारकर्ता के गिरवी रखे गए सिक्योरिटी को बेच सकता है। लेकिन कभी-कभी, उधारकर्ता की लोन सम्बन्धी जरूरतें, उनकी सिक्योरिटी के वैल्यू से अधिक होती हैं, या उनके पास गिरवी रखने के लिए जरूरी सिक्योरिटी नहीं होती है या वे रखना नहीं चाहते हैं या वे ओपन-एंडेड फाइनेंसिंग फैसिलिटी चाहते हैं, इसलिए वे पर्सनल लोन जैसे अनसिक्योर्ड लोन लेना पसंद करते हैं। क्रेडिट स्कोर अच्छा रहने और इनकम स्टेबल रहने पर कम्पटीटिव रेट्स पर बहुत जल्द पर्सनल लोन मिल सकता है, प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन तो और ज्यादा जल्दी मिल जाता है।

लोन लेने से पहले देखें अपनी जरूरत

कोई भी लोन लेने से पहले अपनी जरूरत देखें। खुद से पूछे कि क्या उन्हें इसकी जरूरत है भी या नहीं। जब लगे कि लोन लेना जरूरी है तो, अपनी फाइनेंसिंग जरूरतों के अनुसार सबसे अच्छा लोन प्रोडक्ट चुनना चाहिए। इसके लिए अलग-अलग फाइनेंसिंग फैसिलिटी और ऑफरों की तुलना भी करनी चाहिए। जरूरत से ज्यादा उधार लेने, बिना किसी ख़ास जरूरत के उधार लेने, या अपनी रीपेमेंट क्षमता (Repayment Capicity) से ज्यादा उधार लेने से भी बचना चाहिए। लोन चुकाना एक कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है। इसे पूरा करना बहुत जरूरी है। वरना कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। बेशकीमती परिसंपत्ति से हाथ धोना पड़ सकता है। इससे क्रेडिट स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है।

जब करना हो शेयर बाजार में इंवेस्ट

वेतनभोगी लोगों को इस समय 8.9% से 24% सालाना इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन ऑफर किया जा रहा है। पर्सनल लोन का इस्तेमाल शेयर बाजार में इंवेस्ट करने के लिए करने पर, कई बार ज्यादा रिटर्न मिलता है जिससे EMI देना कठिन नहीं होता है। लेकिन, हर बार ऐसा नहीं होता है। पर्सनल लोन का इस्तेमाल शेयर बाजार में इंवेस्ट करने के लिए करने पर और ख़राब रिटर्न मिलने पर, EMI देना कठिन हो सकता है। इसका आपके मंथली बजट या आपकी जेब पर बुरा असर पड़ सकता है। शेयर बाजार के बारे में अच्छा ज्ञान रखने वाला एक अनुभवी इंवेस्टर, इसके लिए लोन का इस्तेमाल करने का जोखिम उठा सकता है। लेकिन, शेयर बाजार और पर्सनल लोन की समझ न रखने वाले इंवेस्टर्स के लिए ऐसा करना बहुत रिस्की साबित हो सकता है। यदि आप भी शेयर बाजार में इंवेस्ट करने के लिए पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो आपको, नुकसान होने की स्थिति में, उसे चुकाने का कोई दूसरा इंतजाम करके रख लेना चाहिए।

किसी दूसरे व्यक्ति के लिए लोन लेना

किसी फाइनेंसियल कंपनी से लोन लेते समय एक लोन समझौता (Loan Agreement) करना पड़ता है। इसके तहत लोन कंपनी को लोन चुकाने का प्लान बताना होता है। किसी दूसरे व्यक्ति के लिए लोन लेने पर भी यही नियम लागू होता है। चाहे आप अपने लिए लोन ले रहे हों या किसी दूसरे के लिए, लोन कंपनी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। लोन न चुका पाने पर, लोन कंपनी आपको ही जवाबदेह ठहराएगी, न कि दूसरे व्यक्ति को जिसके लिए आपने लोन लिया है। हो सकता है कि उसे अपने नाम से लोन न मिला हो। हो सकता है कि उसे इसलिए लोन न मिला हो क्योंकि लोन कंपनी की नजर में वह भरोसेमंद नहीं था, इस हिसाब से तो आपको भी उसके लिए लोन नहीं लेना चाहिए।

अपने जीवनयापन सम्बन्धी खर्च के लिए

बार-बार लोन लेने पर, लोन कंपनियां समझ जाएंगी कि आप बहुत ज्यादा आर्थिक संकट (Economic Crisis) में हैं। यदि आप अपने रोजमर्रा के खर्च के लिए पर्सनल लोन ले रहे हैं तो आपको अपने बजट और इनकम सोर्स पर फिर से गौर करना चाहिए। रेगुलर इनकम न रहने पर या इनकम कम होने पर, यह आपके लिए एक सिरदर्द बन सकता है और आपका कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। इसलिए, यदि आपका इनकम स्टेबल नहीं है तो आपको अपने रोजमर्रा के खर्च के लिए पर्सनल लोन लेने से बचना चाहिए।

अप्लाई करने से पहले बना लें चुकाने का प्लान

एक पर्सनल लोन, आपकी लोन सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है। लेकिन, इसके लिए अप्लाई करने से पहले, उसे समय पर पूरी तरह चुकाने का प्लान बना लें। यह भी याद रखें कि आपकी कुल देनदारी, आपकी कुल आमदनी के 40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आप अपनी पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन, क्रेडिट कार्ड-लिंक प्री-अप्रूव्ड लोन, माइक्रो-लोन, और FD, एंडोमेंट प्लान या म्यूच्यूअल फंड के बदले मिलने वाले लोन जैसे अन्य लोन ऑप्शंस पर भी गौर कर सकते हैं।

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