फरीदाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में फरीदाबाद प्रशासन और वन विभाग ने अरावली की संरक्षित भूमि पर बने अवैध निर्माणों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 फार्महाउस और 5 अन्य अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई अनंगपुर गांव क्षेत्र में की गई, जहां करीब 10 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।
फरीदाबाद के उपायुक्त विक्रम यादव ने बताया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2022 के फैसले के आधार पर की जा रही है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (PLPA) के अंतर्गत आने वाली सभी अरावली की भूमि को वन भूमि माना जाएगा और उस पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण तत्काल हटाया जाए।
अधिकारियों के अनुसार, आनंद वन से लेकर अरावली तक की सड़क पर करोड़ों रुपये के अवैध फार्महाउस और अन्य ढांचे बनाए गए थे। इस चरण में, फार्महाउस, बाउंड्री वॉल, गेट और बैंक्वेट हॉल जैसी संरचनाओं को तोड़ा गया।
पर्यावरणविदों ने अरावली क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हो रही है और प्राकृतिक आवासों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। यह नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा है।
हालांकि यह विशेष अभियान फरीदाबाद में चलाया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरे हरियाणा राज्य पर लागू होता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि सोहना, रायसिना और ग्वालपहाड़ी जैसे क्षेत्रों में अभी भी अवैध निर्माण बेरोकटोक जारी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हरियाणा सरकार को इन अवैध निर्माणों को हटाने के लिए अंतिम तीन महीने की मोहलत दी है, जिसके बाद किसी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
यह कार्रवाई प्रशासनिक इच्छाशक्ति के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।