पानीपत -पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर अभी तक निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की और अचानक से महज 17 दिन में सदन की बैठक बुला ली। जिससे खफा पार्षदों ने एक बार फिर से मेयर की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर अपने बगावती सुर तेज कर दिए हैं। जिससे परेशान होकर मेयर और आयुक्त को बैठक स्थगित करनी पड़ी। पार्षदों ने मेयर से पूछा कि ऐसी क्या आफत आन पड़ी थी कि अचानक बिना एजेंडे भेजे ही सदन की बैठक बुला ली गई। इतना भी नहीं देखा कि 24 सितंबर को वार्ड पार्षद रविंद्र भाटिया की माता की रस्म क्रिया है। पार्षदों ने कहा कि अगर ये हादसा उनके साथ होता तो पता चलता कि ऐसे समय पर क्या बीतती है।
पार्षदों ने इस बैठक में धांधली होने तक के आरोप तक लगाए, लेकिन एक बार भी एजेंडे या बैठक के कारण को सार्वजनिक नहीं किया जा सका। माना जा रहा है कि अचानक बुलाई गई ये बैठक सेक्टर 25 के दो हजार गज की सीएलयू पास करवाने के लिए थी। दूसरी तरफ निगम द्वारा पिछली बैठक में भ्रष्टाचार के मुुद्दों पर अब तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज न होना, जेबीएम के काम की मॉनिटरिंग के लिए पीएमयू में पानीपत निगम के अधिकारी के चयन के बाद भी अथॉरिटी न देना को लेकर पार्षदों को गुमराह करना बताया जा रहा है।
हमारी समझ से परे कानून : डाबर
पार्षद चंचल डाबर ने मेयर और आयुक्त से पूछा कि सभी पार्षदों को बताया जाए कि बिना एजेंडे के बैठक बुलाने का कानून उनकी समझ से परे है।
धांधली की बू आ रही है : धींगड़ा
पार्षद अश्वनी धींगड़ा ने विकास कार्यों के लिए बैठक बुलाने में महीनों लग जाते हैं। अगर बैठक सीएलयू के लिए बुलाई जा रही है तो पूरा शहर मेयर से जवाब मांगेगा।
सात साल में पहली बार ऐसा हुआ : भट्ट
पार्षद दुष्यंत भट्ट ने कहा कि उनके कार्यकाल में सात साल में ऐसा पहली बार हो रहा है कि बिना एजेंडे की ही बैठक बुलाई जा रही है। इसमें कुछ न कुछ झोल तो साफ नजर आ रहा है।
अन्य कामों के लिए पहले कभी नहीं हुई बैठक : अंजलि
वार्ड पार्षद अंजलि शर्मा ने कहा कि जेबीएम के ठेके को रद्द करने के लिए तो आज तक ऐसी आपातकालीन बैठक नहीं हुई। अचानक से ये बैठक क्यों की जा रही है, जिसके बारे में बताया नहीं जा रहा।
हमसे क्या पास करवाया जा रहा है बताएं : छाबड़ा
पार्षद अशोक छाबड़ा ने कहा कि कम से कम उन्हें ये तो पता चलना चाहिए कि बैठक किस बात को लेकर बुलाई जा रही है। ऐसी क्या इमरजेंसी आई है। एजेंडेे का खुलासा तो करना चाहिए।