हरियाणा की राजनीति में नई जंग, अभय की रणजीत-दुष्यंत को देवीलाल के नाम पर इस्‍तीफे की चुनौती

चरखी दादरी- हरियाणा की राजनीति में महत्‍वपूर्ण चौटाला परिवार में सियासी जंग तेज होती जा रही है।  इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने भाजपा सरकार में साझीदार अपने चाचा रणजीत सिंह चौटाला और भतीजे दुष्यंत सिंह चौटाला को खुली चुनौती दी है। केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों को आधार बनाकर अभय चौटाला ने दोनों पर हमला किया। उन्‍होंने कहा कि यदि रणजीत सिंह और दुष्यंत की रगों में ताऊ देवीलाल का खून बह रहा है तो उन्हें सत्ता को ठोकर मारकर किसानों के बीच उनके अस्तित्व की लड़ाई लड़नी चाहिए। अभय चौटाला ने कोरोना काल में बचाव कार्यों पर करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये के खर्च होने पर भी सवाल उठाए हैं।

चाचा रणजीत चौटाला व भतीजे दुष्यंत को अभय की खुली चुनौती

 

चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर मीडिया कर्मियों से बातचीत में अभय चौटाला ने तमाम उन सांसदों और विधायकों से भी किसानों की लड़ाई लड़ने का आग्रह किया है, जो किसानों के दम पर विधानसभा तथा लोकसभा पहुंचे हैं। अभय ने 25 सितंबर के भारत बंद का समर्थन करते हुए कहा कि इनेलो द्वारा 24 सितंबर से जिला स्तरीय आंदोलन शुरू किए जाएंगे। अंबाला व यमुनानगर जिलों से इनकी शुरुआत होगी। दस अक्टूबर तक कार्यक्रम घोषित किए जा चुके हैं। आंदोलन के दूसरे चरण का ऐलान जल्द किया जाएगा

 

25 सितंबर के भारत बंद का समर्थन, 24 सितंबर से जिला स्तरीय आंदोलन

 

अभय चौटाला ने किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि पहले तो सिर्फ गृह मंत्री अनिल विज दावा कर रहे थे कि पिपली में किसानों पर लाठियां नहीं बरसाई गई। अब मुख्यमंत्री भी इससे इन्कार करने लगे हैं। सरकार की नीति और नीयत साफ नहीं है। भाजपा व जजपा के कई विधायक अपने राजनीतिक करियर की चिंता करते हुए खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं। यह किसानों के साथ धोखा है।

उन्होंने कहा कि देश में सर छोटू राम, चौ. चरण सिंह, ताऊ देवीलाल और प्रकाश सिंह बादल किसान नेता के रूप में स्थापित हैं। बादल की पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। यदि स्व. देवीलाल के वंशजों ने अपने पदों से इस्तीफे नहीं दिए तो किसानों का उन पर से भरोसा छूट जाएगा।

 

अभय चौटाला ने आढ़तियों को बिचौलिया या दलाल कहकर प्रचारित करने की भी आलोचना की। अनुबंध की खेती का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी आज इन विधेयकों के विरोध का नाटक कर रही है। 2013 में कांग्रेस यह विधेयक लाने वाली थी, मगर लालू यादव, ममता बनर्जी, मुलायम यादव और अन्नाद्रमुक नेताओं के विरोध की वजह से कांग्रेस ऐसा नहीं कर पाई। अब भाजपा ने अपने बहुमत का दुरुपयोग करते हुए इन विधेयकों को पारित करा लिया है। उन्होंने हुड्डा को भी कठघरे में खड़ा किया है।

हरिद्वार जाकर गंगा स्नान करके आएं जजपा नेता

अभय चौटाला ने 25 सितंबर को ताऊ देवीलाल की जयंती सिरसा जिले के चौटाला गांव में मनाने की घोषणा करते हुए कहा कि हर जिले में उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण होगा। जजपा द्वारा ताऊ देवीलाल की प्रतिमाओं को गंगा जल से नहलाने के कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए अभय ने कहा कि ताऊ देवीलाल पवित्र आत्मा थे। अगर जजपा के नेताओं को पश्चाताप करना है तो इस दिन उन्हें हरिद्वार जाकर गंगा स्नान करना चाहिए

कोरोना काल में घोटाला, न्यायिक जांच कराए सरकार

आरटीआइ से मिली जानकारी का हवाला देते हुए अभय चौटाला ने कोरोना से बचाव कार्यों पर खर्च हुए साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की हाईकोर्ट के सीटिंग जज से जांच कराने की मांग की है। अभय ने कहा कि नौ माह में नौ घोटाले हुए और अब दसवें माह में दसवां घोटाला सामने आया है। इसलिए सभी दस घोटालों की न्यायिक जांच जरूरी है। सामाजिक संगठनों ने कोरोना काल में अपने पैसे से लोगों की मदद की है।

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