स्कूल अनलॉक 1.0, प्रदेश में 9 से 12वीं कक्षाओं तकम के लिए खोले गए स्कूल, स्कूल खोलने के लिए शिक्षा विभाग जारी की गई गाईड लाइन, स्कूल आने वाले बच्चों का तापमान, सैनेटाईजेशन, ऑक्सीजन लेवल चेक करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिग का भी रखा गया विशेष ख्याल, अलग अलग सत्रों में 20 से 25 बच्चे ही बुलाए गए, अधिकांश निजी स्कूलों में अध्यापकों का नहीं करवाया गया कोविड टेस्ट
कोरोना कॉल में 6 माह से बंद स्कूलों को खोले जाने की कवायद शुरु हो गई है। स्कूल अनलॉक 1.0 के तहत आज 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए, मगर कक्षाएं नहीं लगी। केवल मात्र वे बच्चे ही स्कूल आए जिन्होंने से अध्यापकों से अपने किसी विषय के बारे में परामर्श लेना था। मगर इससे पहले वे स्कूल आने वाले बच्चों ने अपने अभिभावकों का हस्ताक्षर किया अनुमति पत्र भी लिया। इसके साथ ही सरकार द्वारा तय नियमों की पालना भी करते नजर आए। स्कूल केंपस में आने से पूर्व मुंह पर मास्क लगाए देखा गया। स्कूल में बच्चों का तापमान और आक्सीजन लेवल चेक करके स्कूल केंपस में आने की अनुमति दी गई। कक्षाओं में 5 से 10 बच्चे ही बैठे देखे गए। फतेहाबाद में आज अधिकांश स्कूलों तो लॉक ही रहे। वहीं स्कूल आने वाले बच्चों से बातचीत की गई तो स्कूल खुलने से जहां उनके चेहरों पर खुशी देखी गई तो वहीं मायूसी भी थी। उनका कहना था कि स्कूल संचालक उन्हें पूरी फीस की अदायगी करने के बारे में कह रहे हैं। साथ ही दूर ग्रामीण इलाकों से आने वाले बच्चों को ट्रांसपोर्टेशन न मिल पाने के कारण उन्हें परेशान होते भी देखा गया। एक ओर जहां स्कूल आने वाले बच्चों ने सुरक्षा के तमाम नियमों को सख्ती से पूरा करवाया जा रहा थी वहीं गुरुजन सरकार के नियमों की अवेहलना करते नजर आए। नियमों के मुताबिक स्कूल जाने से पूर्व अध्यापकों का कोविड टेस्ट करवाया जाना जरूरी था, मगर 90 से अधिक निजी स्कूलों के अध्यापकों ने टेस्ट तो करवाया ही नहीं है। स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार ने अब नियम बना दिया कि अगर कोई अपनी मर्जी से कोविड टेस्ट करवाता है तो उनसे एक निश्चित फीस ली जाएगी, जिस कारण कोई भी अध्यापक सहमत नहीं है। उनका कहना है कि अगर सरकार यास्वास्थ्य विभाग उनके टेस्ट करता है तो उन्हें कोई आपति नहीं है स्टॉफ टेस्ट करवाने के लिए तैयार है।
संवादाता- राजेश भाम्भू की रिपोर्ट