कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ ऑरबिटल रेल कॉरिडोर बिछाने के लिए मंगलवार को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी। प्रदेश सरकार ने इसकी डीपीआर केंद्र को भेजी थी। यह प्रोजेक्ट हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्रों को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जोड़कर समय की बचत कराते हुए ट्रांसपोर्ट की लागत भी कम करेगा। इससे न केवल एनसीआर, बल्कि समूचे हरियाणा के लोगों को फायदा मिलेगा। केंद्रीय रेलवे व शहरी मंत्रालय के अलावा इस परियोजना में प्रदेश सरकार की ओर से गठित हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड का भी अहम रोल होगा।
प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी
दोहरी विद्युतीकरण ब्रॉड गेज लाइन के लिए एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ दिल्ली की तरफ 50 मीटर स्ट्रीप निर्धारित की गई है। एनसीआर के मास्टर प्लान में भी इसे अनुमोदित किया है। इससे दिल्ली के व्यस्त रेलवे नेटवर्क से छुटकारा मिलेगा। यह दिल्ली से शुरू होने वाले व हरियाणा से गुजरने वाले सभी रेलमार्गों को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से कनेक्ट करेगा। इससे प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। केएमपी के साथ 5 आधुनिक शहरों के साथ इंडस्ट्री, लॉजिस्टिब हब, गोदाम बनाने की भी सरकार की योजना है।
कॉरिडोर पर 19 स्टेशन होंगे
कॉरिडोर उत्तर से दक्षिण हरियाणा को सीधे जोड़ेगा। इससे पलवल, मानेसर, सोहना, फर्रुखनगर, खरखौदा और सोनीपत सहित कई शहर कनेक्ट होंगे। इस पर 19 स्टेशन होंगे। इनमें 14 नए स्टेशन होंगे। इनमें न्यू पृथला, सिलानी, सोहना, धुलावत, चांदला डुंगरवास, मानेसर, न्यू पाटली, बाढ़सा, देवरखाना, बादली, मांडोठी, जसौर खेड़ी, खरखौदा, किरडी व तारकपुर शामिल होंगे। वर्तमान पलवल स्टेशन व डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पृथला यार्ड से इसकी कनेक्टिविटी होगी।
कुछ ऐसा होगा कॉरिडोर
- 121.74 किमी. लंबी होगी रेलवे लाइन।
- 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- 5617 करोड़ रुपए से ज्यादा आएगी लागत।
- 20 हजार लोग हर रोज रेल यातायात का लाभ उठाएंगे इस कॉरिडोर के बनने से।
- 5 करोड़ टन सामान की ढुलाई होगी हर साल।