प्रदेश सरकार ने भिवानी जिले में दो लाख 40 हजार परिवार पहचान पत्र बनाने का लक्ष्य रखा था, इसके लिए विभिन्न स्रोतों से संयुक्त डाटा इस्तेमाल किया गया था। आधार कार्ड आधारित ऑनलाइन परिवार पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया में अब तक पोर्टल पर दो लाख 62 हजार परिवार दर्शाए जा रहे हैं। यानी सरकारी लक्ष्य से 22 हजार परिवार ज्यादा आईडी बनवा चुकी हैं। इसमें सबसे बड़ी दुविधा यह है कि परिवार पहचान पत्र बनाने में डाटा भी मिस मैच हो रहा है। जिससे इनके दोहराव की आशंका भी बनी हुई है।
अब इन त्रुटियों को दूर करने के लिए ही जिला प्रशासन ने वार्ड स्तर पर मुहिम चलाने की योजना बनाई है। इतना ही नहीं फैमिली आईडी बनवाने में सरकार की तरफ से परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को अपने बैंक खाते की जानकारी भी देनी अनिवार्य की गई है। इस वजह से भी मामला काफी पेचीदा हो गया है, क्योंकि कई सदस्यों के बैंक खातों का ही सही आंकलन पोर्टल पर नहीं हो पा रहा है।
यह आ रही समस्या
दरअसल, हरियाणा सरकार की तरफ से प्रत्येक परिवार को खुद की पहचान यानी एक यूनिक आईडी देने की योजना पर काम शुरू है। अगस्त माह के दौरान सरकारी स्कूलों में फैमिली आईडी बनाने का जिम्मा शिक्षकों को सौंपा गया, मगर इसमें पोर्टल नहीं चलने सहित डाटा मिस मैच होने की दिक्कतें आई।
अब पोर्टल पर जिले भर से दो लाख 62 हजार परिवारों का डाटा आ चुका हैं, मगर इस डाटा में भी काफी त्रुटियां हैं। यानी की फैमिली से भरे गए डाटा का ही मिलान नहीं हो रहा है। इनमें मुख्य तौर पर नाम का मिलान न होना, जन्मतिथि अलग होना, आधार कार्ड का लिंक न होना, बैंक खाता की जानकारी का अभाव होना, जैसी समस्या आ रही है।
सितंबर के अंत में लगेंगे तीन दिन तक वार्ड स्तर पर स्पेशल शिविर, मुखिया देगा सहमति पत्र
परिवार पहचान पत्र की त्रुटियों को दूर करने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर शहरी दायरे में वार्ड स्तर पर स्पेशल शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों के जरिए वार्ड के पार्षद व अन्य जनप्रतिनिधियों की मदद से डोर टू डोर जाकर फैमिली आईडी कार्ड की त्रुटियां दूर कराई जाएंगी। अगर परिवार का डाटा बिल्कुल सही है तो परिवार का मुखिया पत्र पर अपनी सहमति भी लिखित में देगा। इसके बाद उस डाटा को अंतिम प्रारूप दिया जाएगा। फैमिली कार्ड में परिवार के जिन सदस्यों के नाम, जन्मतिथि या अन्य किसी भी तरह की गलत जानकारी है तो उसे भी दुरुस्त किया जा सकेगा।
नाम जोड़ने और काटने की प्रक्रिया भी होगी पूरी
फैमिली कार्ड में अगर किसी नए सदस्य का नाम जोड़ना या फिर किसी पुराने सदस्य का नाम काटना है तो यह भी संभव हो पाएगा। एक ही परिवार के सदस्यों के अलग से भी फैमिली आईडी कार्ड बनवाए जा सकेंगे।
साहब म्हारा तो नाम ए कौनी, दो दिन काटै थे चक्कर
साहब म्हारा तो नाम ए कौनी चढ़ रहैया सै, दो दिन चक्कर भी काटै थे। इब कार्ड बनाण न आए तो बोले पहले नाम ठीक कराओ। परिवार के कई बालक तो इसमें चढ़ा ए कौनी राख्ये। इब नया फार्म भरण की बौलै सैं। पहल्या स्कूल में बाल्कां के नाम चढ़ाए, आधार कार्ड तै भी नाम कौनी मिलदे। अनपढ़ सूं जन्म तारीख भी याद कौनी, जो जन्म तारीख बताऊ सूं वा कंप्यूटर मैं आंदी कौनी। – सीमा, निवासी, हनुमान गेट क्षेत्र
मैं पिलसण बणवाण नै सरकारी दफ्तर में गई थी। उड़ै बौले कै पहल्यां फैमिली आईडी कार्ड बणवा के आ फैर तैरी पिलसण बणैगी। इब फैमिली कार्ड बणवाण में मेरे घर आलै का नाम ए कौनी मिलदा। दो दिन हौगे चक्कर लगादें नै, कोई सुणवाई भी कौनी करदा। पहले नाम ठीक कराणा पड़ैगा फैर पिलसण बनवाण के फार्म भरै जांगे। – ओमपति, निवासी, पतराम गेट क्षेत्र
ये होगा परिवार पहचान पत्र का लाभ
अब तक आधार कार्ड ही व्यक्तिगत पहचान के लिए इस्तेमाल होता रहा है लेकिन इसी आधार कार्ड से अब पूरे परिवार की पहचान जुड़ जाएगी। प्रत्येक परिवार को फैमिली आईडी के बाद एक यूनिक नंबर मिलेगा। जिसके बाद किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए परिवार को अलग अलग दस्तावेजों को जमा कराने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति इसी यूनिक नंबर पर निर्भर होगी और कंप्यूटर के एक क्लिक से पूरे परिवार का डाटा सामने होगा। परिवार के किसी सदस्य को कौन सी सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है, इसकी जानकारी भी मिल जाएगी।
परिवार पहचान पत्र सरल पोर्टल व सीएचसी पर बनाई जा रही है। फैमिली कार्ड में काफी त्रुटियां सामने आ रही हैं, इनको दुरुस्त करने के लिए प्रशासन के निर्देश पर सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में तीन दिन वार्ड स्तर पर शिविर लगेंगे। त्रुटि ठीक कराते समय परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड, वयस्क सदस्यों के बैंक खाते की पासबुक, वोटर कार्ड, बीपीएल कार्ड भी साथ लानी होगी।- डॉ. भागीरथ कौशिक, जिला योजना अधिकारी, भिवानी