शहर में नहीं होगी ट्यूबवेल के मिक्स पानी की आपूर्ति

शहर में अब जन स्वास्थ्य विभाग ट्यूबवेल के मिक्स पानी की आपूर्ति नहीं करेगा। जन स्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजीनियर ने ट्यूबवेलों के पानी की आपूर्ति की बजाय शहर में केवल नहरी पानी की आपूर्ति करने के आदेश दिए हैं। सोमवार शाम चीफ इंजीनियर शहर की पेयजल और सीवर व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान पार्षदों ने उनसे मुलाकात कर शहर की ठप सीवर और पेयजल व्यवस्था की जानकारी दी। इन आदेश के बाद अब विभाग के लिए शहर में पानी की आपूर्ति करना चुनौतीपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि शहर के जलघरों में पानी स्टोरेज की क्षमता 3700 लाख लीटर है, परंतु जरूरत 7400 लाख लीटर पानी की है। ऐसे में विभाग ट्यूबवेल का पानी मिक्स कर शहर में पेयजल आपूर्ति करता था।

शहर में पेयजल आपूर्ति दो जलघरों से होती है। जन स्वास्थ्य विभाग ने चंपापुरी में शहर का मुख्य जलघर बना रखा है, जबकि दूसरा जलघर रामनगर गांव के नजदीक है। शहर को चंपापुरी जलघर से 65 फीसदी और रामनगर जलघर से 35 फीसदी पेयजल आपूर्ति होती है। जन स्वास्थ्य विभाग ने दोनों जलघरों में ट्यूबवेल लगवा रखे हैं। नहरी पानी में इन ट्यूबवेलों का पानी मिक्स कर पेयजल आपूर्ति की जाती है।
शहर से मिल रही सीवर और पेयजल की समस्याओं को देखते हुए सोमवार शाम चीफ इंजीनियर पहले समसपुर एसटीपी पर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने गांधी नगर में बदली जा रही मुख्य सीवर लाइन के काम का जायजा लिया। यहां से चीफ इंजीनियर रामनगर एसटीपी पहुंचे। वहां पार्षद महेश गुप्ता, दिनेश जांगड़ा समेत अन्य पार्षद पहुंच गए। उन्होंने चीफ इंजीनियर देवेंद्र दहिया से बातचीत की और शहर में बने सीवर और पेयजल के विकट हालातों की जानकारी दी। पार्षदों ने कहा कि शहर में पेयजल आपूर्ति एक दिन छोड़कर होती है और विभाग ट्यूबवेल मिक्स पानी की आपूर्ति घरों में कर रहा है। यह पानी पीना तो दूर नहाने के काम भी प्रयोग नहीं किया जा सकता। पार्षदों की समस्या सुनकर चीफ इंजीनियर ने जन स्वास्थ्य विभाग को शहर में खारे पानी की आपूर्ति तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए। इसके अलावा उन्होंने पार्षदों को आश्वस्त किया कि सीवर और पेयजल समस्याओं का समाधान जल्द करवा दिया जाएगा।
– तीन साल से ठप है रामनगर का एसटीपी
चीफ इंजीनियर के सामने समस्याएं रखने पहुंचे पार्षदों ने बताया कि पिछले तीन साल से रामनगर एसटीपी ठप है। इसकी मुख्य 36 इंची लाइन सात जगह से क्षतिग्रस्त है। एसटीपी से जुड़े चार वार्डों में सीवर व्यवस्था ठप है और लोग खाली प्लॉटों में दूषित पानी की निकासी करने को विवश हैं। पार्षदों ने जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त लाइन बदलवाकर एसटीपी को चालू करने की मांग की।
इन योजनाओं की फाइलें फांक रहीं धूल
– एसटीपी से ड्रेन नंबर आठ तक करीब 35 किलोमीटर लंबी लोहे की पाइप लाइन डाली जानी है। इस योजना पर करीब 28 करोड़ रुपये खर्च होने है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।
– शहर के 21 वार्डों की क्षतिग्रस्त पेयजल और सीवर लाइनें बदली जानी हैं। इसके लिए विधायक सोमबीर पांच करोड़ की ग्रांट देने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन अब तक विभाग को बजट नहीं मिला है।
– शहर की करीब 50 गलियों में अभी भी सीवर और पेयजल लाइन का इंतजार है। जन स्वास्थ्य विभाग इसका पूरा खाका तैयार कर चुका है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
– जलघरों की पेयजल भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रपोजल भी कागजों तक ही सीमित है। इस योजना के तहत शहर में बड़ा टैंक बनाया जाना है, लेकिन पिछले दो साल से धरातल पर काम शुरू होने का इंतजार है।
– 3700 लाख लीटर है दोनों जलघरों की क्षमता
शहर की आबादी 90 हजार से पार है लेकिन आबादी बढ़ने के अनुसार पेयजल भंडारण क्षमता नहीं बढ़ पाई है। रामनगर और चंपापुरी जलघर की स्टोरेज क्षमता करीब 3700 लाख लीटर है, जबकि शहर को जरूरत 7400 लाख लीटर पानी की है। जलघरों की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के साथ अब शहर को तीसरे जलघर की भी दरकार है।
– पार्षद बोले : जल्द समाधान का दिया है आश्वासन
पार्षद महेश गुप्ता व दिनेश जांगड़ा ने बताया कि जन स्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजीनियर ने ट्यूबवेल के मिक्स पानी की आपूर्ति की बजाय शहर में केवल नहरी पानी ही सप्लाई करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने चंडीगढ़ मुख्यालय में अटकी प्रोजेक्टों की फाइलों की अड़चने जल्द दूर करवाकर सीवर और पेयजल समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन भी दिया है।
सीवर और पेयजल व्यवस्था में सुधार के लिए हम प्रयासरत्त हैं। लगातार सीवर ब्लॉकेज शहर में खोली जा रही हैं। चीफ इन इंजीनियर ने ट्यूबवेल के मिक्स पानी की बजाय नहरी पानी की सप्लाई के जो आदेश दिए हैं, उन पर हम अमल करेंगे।
शशिकांत, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग

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