- पुलिस ने 2 जुलाई से 15 जुलाई 2019 तक ऐसे मामलों की पहचान और उनका विश्लेषण करने के लिए स्पेशल मैपिंग की
- पुलिस टीमों ने 178 संभावित हत्या/विवाद बिंदुओं में ’व्यक्तिगत प्रतिशोध या रंजिश’ के बारे में व्यवस्थित रूप से अध्ययन किया
हरियाणा में संभावित हत्या की घटनाओं में बीते कुछ दिनों 17 प्रतिशत तक की कमी आई है। यह सब राज्य के पुलिस प्रशासन की तरफ से पुरानी रंजिश के मामलों की मैपिंग संबंधी चलाए गए एक खास अभियान का नतीजा बताया जा रहा है। साथ ही पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सितंबर महीने में एक बार फिर से इसी तरह की मैपिंग पर काम किया जाएगा।
राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने गुरुवार को मीडिया के साथ बात करते हुए बताया कि पुलिस ने 2 जुलाई से 15 जुलाई 2019 तक ऐसे मामलों की पहचान और उनका विश्लेषण करने के लिए स्पेशल मैपिंग की। पुलिस टीमों ने 178 संभावित हत्या/विवाद बिंदुओं में ’व्यक्तिगत प्रतिशोध या रंजिश’ के बारे में व्यवस्थित रूप से अध्ययन किया। इसके बाद नियमित रूप से उनकी निगरानी की और इसका नतीजा यह रहा कि प्रदेश में हत्या के 31 मामले कम हुए।
पुरानी रंजिश को मर्डर का सबसे कॉमन कारण बताते हुए विर्क ने कहा कि वर्ष 2018 के पहले छह माह में 528 और इसकी तुलना में 2019 के पहले छह माह में 590 हत्याओं का होना एक बढ़ती बदले की भावना को दर्शाता है, लेकिन पुलिस द्वारा की गई मैपिंग ड्राइव के बाद से 2019 के सेकंड हाफ में 2018 की इसी अवधि की तुलना में हत्या के मामलों में 31 केसों की गिरावट दर्ज की गई है।
विर्क के मुताबिक जहां 1 जुलाई 2018 से 31 दिसंबर 2018 तक 573 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2019 की इसी अवधि में यह आंकडा 17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 542 रहा। एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि विगत वर्ष की गई कार्रवाई के सकारात्मक परिणाम मिलने पर इस प्रकार का दूसरा अभियान 1 से 15 सितंबर 2020 तक चलाने की योजना बनाई गई है।