पश्चिमी दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चार दोषियों में से एक दोषी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने की बात जेल प्रशासन को बताई है। जेल प्रशासन के अनुसार विनय शर्मा ने जेल अधीक्षक कार्यालय को नोटिस के जवाब में कहा है कि वह राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करेगा।
जेल प्रशासन दया याचिका के बावत विनय की याचिका को राष्ट्रपति के पास भेजेगा। जिन तीन अन्य दोषियों ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर नहीं की है, उसके बारे में जेल प्रशासन अब नए सिरे से विचार करेगा। सूत्रों के अनुसार जेल प्रशासन अब इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर करेगा।
इस मामले में जेल प्रशासन की ओर से पहले ही बताया जा चुका है कि यदि चार दोषियों में से किसी एक ने भी यदि राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की तो इससे चारों की फांसी तब तक टल जाएगी जब तक कि याचिका पर अंतिम निर्णय नहीं ले लिया जाता।
29 अक्टूबर को जेल प्रशासन की ओर से जारी नोटिस की समय सीमा मंगलवार रात 12 बजे समाप्त हो गई। बुधवार को जेल प्रशासन की ओर से जेल अधीक्षकों से इस बावत रिपोर्ट मांगी गई। जिसमें जेल संख्या चार की ओर से प्रशासन को अवगत कराया गया कि विनय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने की बात बताई है। अब विनय के अलावा तीन अन्य दोषियों के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का विकल्प मौजूद है या नहीं, इस संबंध में फिलहाल जेल प्रशासन कुछ नहीं बता रहा।
मामले में कई पेंच
इस मामले में विनय के अलावा पवन कुमार गुप्ता व अक्षय कुमार सिंह शामिल था। इन्होंने जवाब में जेल प्रशासन को बताया गया है कि उन्हें जब नोटिस दिया गया तब सुप्रीम कोर्ट में दिवाली की छुट्टी थी। उन्होंने कहा है कि उनके पास अभी भी याचिका को लेकर कई तरह के विकल्प मौजूद हैं, ऐसे में इस नोटिस को वापस लिया जाए। इस दौरान विनय ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जेल प्रशासन को बताया था कि अभी उसके पास क्यूरेटिव याचिका का विकल्प मौजूद है। इसने यह भी कहा कि इस मामले में पवन की उम्र को लेकर भी हाई कोर्ट में मामला चल रहा है, लिहाजा नोटिस को वापस लिया जाए। हालांकि इस नोटिस का अभी तक मुकेश की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।
कौन किस जेल में
जेल में बंद दोषियों में मुकेश (31), अक्षय कुमार सिंह (33), विनय शर्मा (25) व पवन गुप्ता (24) शामिल है। इनमें मुकेश व अक्षय तिहाड़ जेल संख्या-दो में, विनय शर्मा जेल संख्या-चार में और पवन कुमार मंडोली परिसर स्थित जेल संख्या-14 में बंद है। इस मामले में राम सिंह नामक एक आरोपित ने जेल में खुदकशी कर ली थी। वहीं एक नाबालिग बाल सुधार गृह में तीन वर्ष तक रहने के बाद छोड़ा जा चुका है।