मोदी सरकार में भारत के कृषि मंत्री को उनके विभाग के लोग भी नहीं सुन रहे हैं

आज भारत के माननीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को फसल बीमा और कृषि से संबंधित तमाम जानकारी देने की कोशिश कर रहे थे संस्थान इतना बड़ा है और विभाग जहां पर लगभग 80 करोड़ लोग कृषि कार्य पर ही जीते हैं कई विधानसभाओं में कई राज्य सरकारों में किसान के लिए लोन और किसान की बीमा इन मुद्दों पर सरकारें बदल जाती हैं ऐसे माहौल में माननीय कैबिनेट मंत्री जी के फेसबुक लाइव पर ध्यान देने वाले सिर्फ 312 लोग थे जिसमें वह बड़ी शिद्दत और मेहनत से लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे थे इसके के स्क्रीनशॉट भी इसी के साथ शेयर कर रहे हैं माननीय मंत्री जी अपनी तरफ से बहुत कोशिश कर रहे हैं कि लोग कृषि विभाग के बारे में लोग कृषि विभाग द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी लें और उसका भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का लाभ उठाएं लेकिन देखिए किस प्रकार से माननीय मंत्री जी की IT team या विभाग की आईटी टीम सोशल मीडिया टीम उन की इन मेहनत की और इस सोच की बुरी तरह से मिट्टी पलीद कर रही है.

क्या पूरे भारत में कृषि विभाग के मंत्रालय में या कृषि विभाग से संबंधित विभागों में कम से कम 25 से 30000 लोग सीधे परोक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े और काम कर रहे हैं माननीय कैबिनेट मंत्री जी की आने की सूचना क्या उन लोगों को नहीं थी क्या वह लोग सुन कर के और अपने अपने स्तर से माननीय मंत्री जी की वीडियो को किसानों तक या किसान संबंधित लोगों तक नहीं पहुंचा सकते थे माननीय मंत्री जी रोज आकर की और यह सब बातें तो नहीं बताते हैं अगर आज फेसबुक पेज पर आए थे तो कम से कम 25000 का स्टाफ ही उनको देख रहा होता तो एक रिस्पेक्टबल फिगर सोशल मीडिया पर दिखती लेकिन जब कैबिनेट मंत्री भारत सरकार का कृषि विभाग का फेसबुक पेज पर आता है तो उनकी लोकसभा के भी या यूं कहें कि उनके ही अपने घर परिवार दोस्त मित्र भी इससे ज्यादा होंगे 300 से ज्यादा जो लोग इसको देख रहे थे माननीय मंत्री जी का लोक सभा मध्य प्रदेश का आता है जहां खुद ही भारी अंतर से जीत कर आए सांसद हैं फिर भी इनके सोशल मीडिया पर विभाग के सोशल मीडिया पर आने पर एक डिजिटल बेज्जती जैसा महसूस होने जैसा है | सरकार का पैसा भाई है, सोशल मीडिया टीम रखिए वीडियो अच्छी-अच्छी बनाइए अच्छी बात है लेकिन लोग आप से जुड़े, लोग इंगेज ho, आपके लिए लोग आपकी बात को सुने और संबंधित लोगों तक पहुंचाने में आपकी मदद करें कि मंत्रालय तभी सफल हो पाएगा और यह मेहनत तभी सफल हो पाएगी|  कैमरे के सामने आपका बैठ जाना सिर्फ 300 लोगों के लिए एक कतई उचित नहीं है ।

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