हरियाणा : अरबों रुपए की लागत से योगशालाएं बनाकर भूली प्रदेश सरकार

लोगों को स्वस्थ रखने व योग में युवाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में 2-3 वर्ष पहले शुरु की गई योग एवं व्यायामशालाओं बंजर पड़ी है। सरकार ने दो एकड़ में स्थापित एक व्यायामशाला पर करीब 27.50 लाख रुपए खर्च किए थे लेकिन लोगों को इससे एक रुपए का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

इन व्यायाम शालाओं में ना कोई प्रशिक्षक है और ना ही कोई देखरेख करने वाला है। ऐसे में अनुमान लगा सकते हैं कि लोगों को स्वस्थ व योग के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की सरकार की अरबों रुपए की योजना किस तरह से धूल फांक रही है। कुछ गांवों में लोग अपने स्तर पर मैदान को तैयार कर सुबह-शाम योगाभ्यास करते हैं तो कुछ में मैदान खरपतवारों से अटे पड़े हैं, जिनकी ओर न सरकार का कोई ध्यान है और ना ही प्रशासन इनकी ओर कोई ध्यान दे रहा है ।

बता दें कि करीब 2-3 वर्ष पहले प्रदेश सरकार ने प्रदेश भर में करीब एक हजार योग एवं व्यायाम शालाएं खोली थी। इन व्यायामशालाओं को खोलने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण लोगों को स्वस्थ रखना व गांव के युवाओं को योग के क्षेत्र में आगे बढ़ाना था। यदि ये व्यायाम शालाएं अच्छे तरीके से शुरु की जाती और इनमें प्रशिक्षक नियुक्त किए जाते तो अवश्य ही इससे ग्रामीण बच्चे, बुजुर्ग व युवा वर्ग को इसका भरपूर लाभ मिलता। परंतु सरकार योजना पर खर्च कर भूल गई और संबंधित अधिकारी व कर्मचारी या अन्य संस्थाएं भी इन व्यायामशालाओं में सरकार के लाखों रुपए खर्च कर अपना पल्ला झाड़ गए। चाहे इनका लाभ किसी को मिल या ना मिले।

सरकार की अरबों रुपए की योजना का लाभ मिले इसके लिए यह हो सकता है उपाय
पूर्व एसडीएम संदीप सिंह के अनुसार प्रदेशभर में खोले गए योग एवं व्यायामशालाओं में यदि एक-एक योग वॉलिंटियर्स तथा एक-एक पीटीआई लगा दें तो इससे न केवल प्रदेश के हजारों व महेंद्रगढ़ जिले के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा अपितु सरकार की इस योजना का लोग भरपूर स्वस्थ्य लाभ उठाएंगे, वहीं योग व अन्य भर्तियों के लिए भी अपनेआप को चुस्त बना सकेंगे। योगा वॉलिंटियर्स के लगने से योग में युवाओं की रुचि बढ़ेगी, वहीं पीटीआई के लिए सरकार वर्तमान में हटाए गए 1983 पीटीआई को लगाया जा सकता है।

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