नागरिक अस्पताल में एक बार फिर चिकित्सकों की लापरवाही देखने को मिली। हुआ यूं कि यहां पर मंगलवार को उपचार के लिए एक गर्भवती महिला पहुंची, लेकिन उसे समय पर चिकित्सकों द्वारा उपचार नहीं दिया गया। इसके चलते महिला को ब्लीडिंग होने पर गर्भपात हो गया और सड़क किनारे दो माह का भ्रूण पड़ा रहा। अस्पताल प्रशासन को जब इसका पता लगा तो उन्होंने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए और इसकी जांच महिला विभाग की डॉक्टर को सौंपी है।
गौरतलब है कि बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए आई एक गर्भवती महिला का अस्पताल परिसर में ही गर्भपात हो गया। पीड़िता को अधिक ब्लीडिंग हो रही थी। महिला के पति भूपाली ने बताया कि वे अस्पताल के अंदर पत्नी का इलाज कराने के लिए पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने उन्हें इधर-उधर भेज दिया। उन्होंने बताया कि पहले तो स्टाफ की ओर से 8 नंबर काउंटर पर महिला के नाम का पर्चा बनाने के लिए भेजा।
यहां पर पर्चा बनाने के लिए बैठे कर्मचारी ने पर्चा न बनाकर उन्हें दवाई लेने के लिए कह दिया। इसके बाद जब महिला के पति ने डॉक्टरों से इलाज के लिए कहा तो उन्हें बाहर निकाल दिया गया और पुलिस बुलाने की धमकी दे डाली। इसके बाद वह अपनी पत्नी को लेकर बाहर आ गए और उनकी पत्नी बाहर दर्द से कराहती रही। कुछ ही समय बाद महिला का गर्भपात हो गया और ब्लीडिंग बढ़ती गई तो उसके बाद लोग इकट्ठा होने लगे।
तब जाकर अस्पताल स्टाफ पीड़िता को लेकर गया। जहां से भर्ती करने के बाद इलाज शुरू किया गया। नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों ने गर्भपात होने के बाद महिला का इलाज शुरू तो कर दिया, लेकिन सड़क पर गिरे भ्रूण को नहीं उठाया। काफी देर बाद अस्पताल स्टाफ ने सड़क पर गिरे भ्रूण को उठाया।