बिजली मंत्री रणजीत सिंह रविवार को रेस्ट हाउस में लगाए गए बिजली दरबार में लोगों की शिकायतें सुनने के लिए पहुुंचे। सेवाएं बहाली की मांग को लेकर पीटीआई भी मंत्री से मिलने के लिए रेस्ट पर पहुंच गए। दरबार में अधिक भीड़ नहीं बढ़े, इसलिए पुलिस ने पीटीआई अध्यापकों को गेट पर ही रोक दिया। बाद में कुछ अध्यापक गेट के बाहर रह गए और कुछ अंदर चले गए।
उन्होंने रेस्ट हाउस से जैसे ही विधायक और भाजपा नेता निकलने लगे तो गेट पर उन्हें रोकने लगे, गाडि़यां नहीं रुकने पर कुछ अध्यापकों ने गुस्से में आकर तख्ती गाडि़यां पर भी मारी। इसे देख पुलिस ने उन्हें हटाया। पीटीआई अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रेस्ट हाउस के मुख्य रास्ते पर धरने पर बैठ गए। दरबार को बीच में छोड़कर बिजली मंत्री रणजीत सिंह और करनाल के सांसद संजय भाटिया अध्यापकों के पास पहुंचे। उन्होंने अध्यापकों को आश्वासन दिया कि वे 5 या 11 सदस्यीय कमेटी बनाकर 17 जून को चंडीगढ़ में आ जाए।
वहां पर सीएम से मुलाकात करके अपनी बात रख लेना। इसके बाद ही पीटीआई अध्यापक शांत हुए।
हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान नवीन मलिक के अनुसार पीटीआई अध्यापकों ने बताया कि 1983 पीटीआई अध्यापकों की नियुक्ति कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई थी। नियुक्ति से पहले सभी कर्मचारियों की कई बार सभी कागजातों की पड़ताल की गई थी, जिसमें कोई दोषी नहीं पाया गया।