मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने अनलाॅक वन में हरियाणा के किसानाें को गई बड़ी सौगातें दी हैं। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी। हरियाणा में किसानों की हालत सुधारने में लगी भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार अब 17 हजार किसान मित्र तैयार करेगी। प्रत्येक 100 किसानों पर एक किसान मित्र होगा, जो उन्हें खेती के गुर से लेकर वित्तीय प्रबंधन की ट्रेनिंग देगा। डार्क जोन में शामिल गुहला, रतिया और ईस्माइलाबाद सहित अन्य क्षेत्रों में गिरते भू-जलस्तर को उठाने के लिए सरकार एक हजार नए बोरवेल लगाएगी। इन बोरवेल में वर्षा का पानी फोर्स से छोड़ा जाएगा ताकि भूजल को सुधारा जा सके।
‘मित्र’ सिखाएंगे किसानों को खेती, बाढ़ वाले इलाकों में धान बोने की छूट
हरियाणा में कृषि पर बिजली सब्सिडी कम करने के लिए 16 हजार सोलर पंप लगाने की भी योजना है। बाढग़्रस्त इलाकों में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 50 फीसद से कम जमीन पर भी धान की जगह दूसरी फसल बोने पर सरकार ने किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ देने का अहम फैसला लिया है। सरकार के इस दांव से विपक्ष चारों खाने चित्त हो सकता है।
जिन इलाकों में बाढ़ का खतरा, वहां 50 फीसद जमीन पर दूसरी फसलें बोने की शर्त हटी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृषि मंत्री जेपी दलाल और अपने प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के साथ हरियाणा निवास में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की। महामारी के चलते पिछले ढाई महीने से डिजिटल प्रेस कान्फ्रेंस करते रहे सीएम पहली बार फिजिकल डिस्टेसिंग के साथ पत्रकारों से रू-ब-रू हुए।
17 लाख किसानों के लिए प्रदेश में नियुक्त होंगे 17 हजार किसान मित्र
एक हजार बोरवेल लगाने की योजना साझा करते हुए सीएम ने बताया कि नौ इंच के एक बोरवेल पर डेढ़ लाख रुपये खर्च होते हैं जिसमें से 90 फीसद पैसा सरकार देगी। केवल दस फीसद राशि किसानों को देनी होगी। इन बोरवोल की देख-रेख का जिम्मा किसान का होगा और तीन-चार साल बाद सरकारी खर्च पर इनकी फिर से मरम्मत कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री के अनुसार जियो मैपिंग के जरिये प्रदेश की 44 हजार 212 वर्ग किलोमीटर जमीन के एक-एक इंच का हिसाब सरकार रखेगी। करनाल के सिरसी गांव से रेवेन्यू रिकॉर्ड का काम शुरू हो गया है। महामारी में जहां सारे काम सुस्त थे, वहीं सर्वेयर ऑफ इंडिया की मदद से 75 गांवों के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया। रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर में यह काम तेजी से हुआ। मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल से किसानों का पूरा डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। उसी के अनुसार उन्हें फसलों की खेती की सलाह दी जा सकेगी।
धान की सीधी बिजाई पर आ रही सरकार
मजदूरों के संकट के बीच मुख्यमंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि धान की सीधी बिजाई करें। इससे पानी की खपत कम होगी। मेरा पानी- मेरी विरासत योजना के तहत 53 हजार किसानों ने 58 हजार 421 हेक्टेयर पर धान नहीं बोने का रजिस्ट्रेशन कराया है। प्रदेश में साढ़े आठ लाख हेक्टेयर में धान होता है जिसमें से एक लाख हेक्टेयर में दूसरी फसलें बोने का लक्ष्य रखा है।
812 करोड़ के प्रीमियम पर मिले 2632 करोड़
मुख्यमंत्री के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हरियाणा के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है। पिछले साल 12 लाख किसानों ने बीमा कराते हुए 812 करोड़ का प्रीमियम जमा कराया, जबकि उन्हें दो हजार 632 करोड़ रुपये का क्लेम मिला है। इस योजना में किसानों को और लाभान्वित करते हुए सरकार अपनी बीमा कंपनी बनाने पर विचार कर रही है।
डब्ल्यूजेसी नहर में छह हजार क्यूसिक पानी की क्षमता बढ़ेगी
पश्चिमी यमुना नहर (डब्ल्यूजेसी) में पानी का बहाव बढ़ाने के लिए पांच चरणों में 2200 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य होंगे। पांच में से दो फेज पूरे हो चुके हैं। मूनक से खुबड़ू तक निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। वर्ष 2022 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है जिससे छह हजार क्यूसिक पानी ज्यादा मिल सकेगा। इससे जींद और हिसार सहित दक्षिण हरियाणा के सात जिलों के किसानों को लाभ होगा। पिछले पांच साल में महेंद्रगढ़ कनाल में 180 फीसद, लोहारू फीडर में 225 फीसद, जेएलएन कनाल रेवाड़ी में 250 फीसद पानी बढ़ा है। 300 में से 293 में टेल तक पानी पहुंचाया गया। कई टेल पर तो 25 साल बाद पानी पहुंचा है। लखवार, किशाऊ और रेणुका परियोजना में से दो के एमओयू हो चुके।
चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने को बाहर से लाएंगे प्रबंध निदेशक
प्रदेश सरकार चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाएगी। प्रदेश में 14 शुगर मिलें हैं जिनमें 11 सहकारी और तीन निजी हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार 780 करोड़ के सालाना घाटे में चल रही चीनी मिलों की हालत सुधारने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी, जो प्राइवेट सेक्टर से होंगे।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तीन चीनी मिलों में बाहर से एक्सपर्ट प्रबंध निदेशक लगाए जाएंगे। प्रदर्शन सुधरा तो दूसरी चीनी मिलों में भी विशेषज्ञ एमडी की तैनाती की जाएगी। गोहाना, कैथल, पानीपत, करनाल, जींद, शाहाबाद और पलवल की क्षमता भी बढ़ेगी। प्रतिदिन पेराई क्षमता को आठ हजार टन बढ़ाकर 32 हजार पर ले जाया जाएगा। वर्षों से बंद पड़ी भूना शुगर मिल के मसले पर सीएम ने कहा कि किसान रीयल कॉपरेटिव मिल लगा सकते हैं।
सरकार किसानों को मुफ्त पानी भी देने को तैयार
राइस शूट पॉलिसी में बदलाव कर सरकार ने बड़े किसानों का एकाधिकार तोड़ा है। 20-20 एकड़ का समूह बनाकर छोटे किसान भी 30 फीसद बरसाती पानी में हिस्सा ले सकेंगे। पहले सिर्फ एक लाख एकड़ जमीन वाले 12 हजार किसानों को इसका फायदा होता था, जबकि अब छोटे किसानों को भी लाभ होगा। सीएम ने घोषणा की कि अगर 20 एकड़ के पूल में किसी ने बोली नहीं लगाई तो सरकार यह पानी मुफ्त देगी।
आठ लाख पशुधन क्रेडिट कार्ड बनेंगे, हरियाणा पशुओं की बीमारी से मुक्त
मुख्यमंत्री के अनुसार प्रदेश में आठ लाख पशुधन क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। इसके तहत एक लाख 60 हजार रुपये तक ब्याज मुक्त कर्ज बगैर गारंटी के मिलेगा। अभी तक चार हजार किसानों ने कार्ड बनवाए हैं। केंद्र सरकार ने चार लाख 32 हजार केसीसी बनाने का लक्ष्य दिया है, जबकि प्रदेश सरकार इससे दोगुने कार्ड बनवाएगी। हरियाणा गलघोंटू और मुंहखुर की बीमारी से मुक्त होने वाला पहला प्रदेश है
30 जून तक छह हजार किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन
प्रदेश में 12 हजार 75 किसानों ने पांच सितारा मोटर के लिए पैसे जमा कराए थे। नौ हजार ने लाइन के पैसे भी जमा करा दिए। 1227 को मोनो ब्लॉक की मंजूरी दे दी गई है। फाइव स्टार के बदले नियमों के बाद 4868 में आधे कनेक्शन जारी हो गए हैं, जबकि अन्य 30 जून तक जारी हो जाएंगे।
1 नवंबर तक 500 और गांवों को 24 घंटे बिजली
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में साढ़े चार हजार गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। नवंबर तक 500 और गांवों में 24 घंटे बिजली मिलेगी। पहली बार बिजली वितरण कंपनियां 600 करोड़ के मुनाफे में आई हैं। एचवीपीएन भी मुनाफे में है। जो लाइन लॉस वर्ष 2016 में 30 फीसद था, वह अब 17 पर आ गया जो राष्ट्रीय औसत से दो फीसद कम है।
सोलर पंप से 700 रुपये घटी सब्सिडी
खेती पर बिजली सब्सिडी कम करने के लिए 16 हजार सोलर पंप लगाए जाएंगे। इस साल बिजली सब्सिडी सात हजार करोड़ से घटकर 6300 करोड़ पर आ गई है। सोलर पंप में उपभोक्ता को सिर्फ 25 फीसद राशी देनी पड़ती है।
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सीएम ने गिनाए ये काम भी
-भावांतर भरपाई योजना में 19 फसलों की भरपाई। चार हजार 187 किसानों को दस करोड़ 11 लाख रुपये क्षतिपूर्ति में दिए गए हैं। कुल 58 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया था।
-अटल भूजल योजना के तहत 734 करोड़ रुपये की योजनाएं तीन साल में पूरी होंगी
-प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पिछले साल छह हजार रुपये प्रति किसान परिवार की दर से 1392 करोड़ रुपये दिए गए
-बागवानी के लिए किसानों को दे रहे 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान।