प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अनुसंधान कार्यों को पुन: शुरू करने को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात की और प्रदेश के अन्य कई विषयों पर उनसे विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने राज्यपाल को अवगत करवाया कि कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालयों में कृषि और पशुपालन पर हो रहे शोध कार्यों पर विपरीत असर पड़ा है। लॉकडाउन के बाद विश्वविद्यालयों में खासकर स्नातकोत्तर और पीएचडी करने वाले शोध के छात्रों के लिए प्रयोगशालाएं खुलवाना जरूरी है ताकि उनकी अब तक की रिसर्च व्यर्थ ना चली जाए।
उन्होंने कहा कि खासकर स्नातकोत्तर और पीएचडी करने वाले शोध के छात्रों को विश्वविद्यालयों में वापस लाना जरूरी है क्योंकि बाधित शोध के कारण शोधकर्ताओं की सालों की मेहनत बेकार जा सकती है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस विषय पर उनकी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से भी चर्चा हुई है। आज विश्वविद्यालयों के कैम्पस में विदेशी छात्र मौजूद है, लेकिन हमारे प्रदेश के छात्र जो गेहूं, धान, पशुधन पर शोध कर रहे थे वो लॉकडाउन की वजह से अपने-अपने घर चले गए। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से शोध के कार्यों पर गलत असर पड़ रहा है। इस विषय पर राज्यपाल ने कहा है कि वे तमाम विश्वविद्यालयों से चर्चा करके इस पर उचित निर्णय लेंगे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि इसको लेकर प्रदेश सरकार एक पूरा कार्यक्रम बनाकर केंद्र सरकार को भेजेगी जिसके बाद जुलाई से शुरू होने वाले अनलॉक 2 के तहत प्रदेश में विश्वविद्यालयों को खोलने पर फैसला लिया जाएगा। छात्रों की शिक्षा हमारे लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।