हरियाणा में भी अब पशुओं का पालन-पोषण वैज्ञानिक तरीकों से होगा। पशुओं की सेहत भी सुधरेगी और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। गांवों में वेटेनरी डॉक्टरों की कमी की वजह से ग्रामीणों को जो परेशानियां होती थीं वो भी खत्म होंगी, क्योंकि सरकार अब अमेरिका और जापान की तर्ज पर पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैयार करेगी जो कि इस फील्ड में बतौर स्किल्ड वर्कर काम करेंगे। अधिकृत होने के बाद ये पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता इसी के बूते अपना रोजगार भी स्थापित कर सकेंगे।
केंद्र के सहयोग से हरियाणा के कृषि विज्ञान केंद्र तेपला परिसर में इन पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ट्रेंड किया जा रहा है। इन्हें 38 दिन में 300 घंटे की ट्रेनिंग दी जा रही है। नोडल अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर पशु विशेषज्ञ डा. नवीन सैनी ने बताया कि ये ट्रेनिंग केंद्र के अधीनस्थ कौशल विकास मंत्रालय का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। जोकि भारतीय कृषि कौशल परिषद के तत्वावधान में संपन्न करवाया जा रहा है।
ट्रेनिंग में पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वैज्ञानिक ढंग से पशुओं के आवास प्रबंधन, चारा प्रबंधन, बीमारियों के लक्षण एवं इलाज, मौसम अनुसार पशुओं का पालन-पोषण, प्रजनन एवं नवजातों का रखरखाव व स्वच्छ दुग्ध उत्पादन इत्यादि विषयों की जानकारी दी गई। इस ट्रेनिंग के बाद भारतीय कृषि कौशल परिषद द्वारा 1 अक्तूबर को ट्रेंड किए जा रहे पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी। उत्तीर्ण होने के बाद उन्हें प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। जिसके बूते ये कार्यकर्ता फील्ड में उतरेंगे।
पशुओं की सेहत सुधार में अहम भूमिका निभाएंगे पशु कार्यकर्ता
ये पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता गांवों में अहम भूमिका निभाएंगे। दरअसल, गांवों में इस वक्त पशु चिकित्सकों की संख्या अपर्याप्त है। जिस वजह से मौजूदा पशु चिकित्सकों पर न केवल अत्यधिक वर्क लोड हैं। वहीं ग्रामीणों को भी अपने पशुओं के लिए इन चिकित्सकों की उपलब्धता के लिए काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है।
मगर इन सर्टिफाइड पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता फील्ड में उतरने के बाद अपने दायरे के अधीनस्थ ग्रामीणों के पशुओं के स्वास्थ्य हेतु काफी मददगार बन सकेंगे। इन कार्यकर्ताओं को फस्र्ट एड किट, मिल्क टेस्टिंग किट इत्यादि पशु स्वास्थ्य संबंधी उपकरण उपलब्ध करवाएं जाएंगे। जिसकी मदद से वे अपना रोजगार स्थापित कर सकेंगे। हरियाणा सरकार भी किसानों की आय दोगुनी करने के इरादे से पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने में जुटी है।
ये योजना इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए मददगार बनेगी। उधर, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. उपासना सिंह बताती हैं कि पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की ये ट्रेनिंग ‘करके देखो की तर्ज पर दी जा रही है। ये प्रेक्टिकल ज्ञान कार्यकर्ताओं के लिए अहम साबित होगा। इस ट्रेनिंग के दौरान विशेषज्ञ लुधियाना से डा. राजबीर सिंह, डा. देवन अरोड़ा, डा. संदीप पोटलिया, डा. हरप्रीत, डाक्टर स्वाति रोहिल इत्यादि विशेषज्ञों का पैनल भी पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पशु स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न विषयों की ट्रेनिंग दे रहे हैं।