चंडीगढ़. अंतरिक्ष में मानव भेजने के भारत के महत्वाकांक्षी गगन यान अभियान में सीएसआईआर वैज्ञानिकों की सेफ्टी को संभालेगा। एस्ट्रोनॉट की सेफ्टी और उनके लिए एडवाइजरी की जिम्मेदारी सीएसआईआर की रहेगी।
गगन यान को लेकर सीएसआईआर की भागीदारी के बारे में यह जानकारी दी सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी (इमटेक) में हाई टेक स्किल डेवलपमेंट सेंटर मर्क का उद्घाटन करने पहुंचे डायरेक्टर जनरल सीएसआईआर डॉ. शेखर सी मंडे ने।
मर्क अपनी तरह का पहला पब्लिक प्राइवेट स्किल डेवलपमेंट सेंटर है इसमेंं हाई एंड मशीनरी पर पार्टिसिपेंट्स को हैंड ऑन ट्रेनिंग का मौका मिलेगा। डॉ. मंडे ने बताया कि गगन यान अभियान के दौरान बनने वाले स्पेस शटल को सीएसआईआर की विंड टनल फैसिलिटी में ही चेक किया जाएगा।
उन्होंने इस इसरो, डीआरडीओ के साथ-साथ सीएसआईआर की भूमिका के बारे में जानकारी दी। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि ग्लोबल लेवल पर पेटेंट से प्रोडक्ट तक पहुंचने का प्रतिशत पांच है जबकि सीएसआईआर लैब का प्रतिशत 13 फीसदी है। एग्रीकल्चर सेक्टर में बेहतरी के लिए जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस तकनीकों का इस्तेमाल होगा।
लाइफ साइंस के एरिया में बना ये प्रोग्राम स्किल इंडिया मिशन का हिस्सा है और इसका मकसद रोजगार बढ़ाना। ये सेंटर लगभग 15 सौ स्कवेयर फीट में है और इसमें रिसर्च, डेवलपमेंट और ट्रेनिंग के अलावा ड्रग डिस्कवरी पर भी काम होगा। इसमें होने वाले कोर्सेज के करिकुलम में रियल टाइम एनालिसिस ऑफ सैंपल आदि एक हिस्सा है।
फॉर्मा, बाॅयोटेक्नालॉजी, फूड और फर्मंटेशन इंडस्ट्रीज के लिए ये फायदेमंद होगा। इसमें इमटेक के साथ मर्क ने हाथ मिलाया है जो एक निजी कंपनी है। उनका मकसद है इस इंडस्ट्री के लिए स्किल वर्कफोर्स तैयार करना। इसके प्रतिनिधि सुनील पंजाबी ने कहा कि बाॅयो फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और इसमें ट्रेंड लोगों की जरूरत है। इमटेक के डायरेक्टर डॉ. मनोज राजे ने एसएमसीएक्स प्रो प्लेटफॉर्म जैसी तकनीकी सुविधाओं के बारे में बताया।