कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को एकाएक उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर पहुंची। उन्होंने यहां पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात कीं। यहां से वे मेरठ भी जा सकती हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी गंग नहर पटरी होते हुए सुबह करीब 10:45 बजे नगर पहुंच गई। वह 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद पुलिस पिटाई से घायल हुए मौलाना असद रजा को देखने उनके किदवई नगर स्थित आवास पर पहुंचीं।
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के वेस्ट यूपी प्रभारी पंकज मलिक और पूर्व विधायक इमरान मसूद के साथ मौलाना असद से करीब 20 मिनट तक बात कीं. इसके बाद वे कांग्रेसी नेताओं के साथ सीधे 20 दिसंबर को हिंसक उपद्रव के दौरान गोली लगने से मारे गए भूरा उर्फ नूर मोहम्मद के घर पहुंचीं। यहां भी प्रियंका गांधी ने मृतक नूरा के परिजनों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी। प्रियंका गांधी का यहां से मेरठ जाने का भी कार्यक्रम है।
सीएए प्रदर्शन में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजनों से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, ‘मैंने मौलाना असद हुसैनी से मुलाकात जिन्हें पुलिस ने बेरहमी से मारा था। पुलिस मदरसा के छात्रों को भी हिरासत में ले लिया, जिसमें कई नाबालिग थे। इसमें से कुछ छात्रों को छोड़ा गया है जबकि कुछ अभी भी पुलिस हिरासत में हैं.’
प्रियंका गांधी के आने के कार्यक्रम के बारे में स्थानीय प्रशासन को उस समय पता लगा जब वह मुरादनगर से गंग नहर की पटरी पर मेरठ की सीमा में दाखिल हुईं। इसके बाद आनन-फानन में पुलिस ने मोहल्ला खालापार और किदवई नगर में सुरक्षा व्यवस्था की।
6 साल पहले राहुल गांधी भी अचानक दंगा विस्थापितों के कैंप में पहुंच गए थे
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ठीक उसी तरह अचानक बिना किसी कार्यक्रम के मुजफ्फरनगर पहुंची हैं, जिस तरह करीब 6 साल पहले उनके भाई राहुल गांधी अचानक बिना किसी कार्यक्रम के मुजफ्फरनगर और शामली में दंगा विस्थापितों के कैंप में पहुंच गए थे।