भागलपुर के सुल्तानगंज इलाके के 13 साल पुराने मामले नाबालिग से गैंगरेप और हत्या में दोषी करार दिए गए पांच अभियुक्तों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) विनोद कुमार तिवारी ने उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उन्हें 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
जुर्माना नहीं देने पर अभियुक्तों को जेल में तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी ओमप्रकाश तिवारी ने बहस में भाग लिया।
सुल्तानगंज थाना क्षेत्र की एक महिला अपनी नाबालिग भतीजी के साथ 19 नवंबर, 2006 की सुबह बहियार में धान काटने गई थी। इसी दौरान आरोपी श्रवण यादव, अमरजीत उर्फ कुर्रा यादव, मदन यादव, सुरेन यादव और चांदसी यादव ने हथियार के बल पर नाबालिग का अपहरण कर लिया था। विरोध करने पर महिला और नाबालिग के साथ मारपीट भी की गई थी। आरोपी नाबालिग को जबरन खींचकर बेहरी बहियार लेकर चले गए थे।
महिला दौड़कर घर आई और घटना की जानकारी परिवार वालों को दी। परिवार के लोग बहियार में खोजबीन की तो बेहोशी की हालत में लड़की मिली। उसे मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। लड़की को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। महिला के बयान पर पांचों आरोपियों के खिलाफ सुल्तानगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
एपीपी ने कहा कि मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। घटनास्थल का एफएसएल टीम से भी जांच कराई गई थी। रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। पांचों आरोपियों को जेल भेजने के बाद 19 जनवरी, 2007 कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी। आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। कोर्ट में ट्रायल के दौरान नौ लोगों की गवाही हुई। गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया। तीन गवाहों का घटना के बाद 164 के तहत बयान रिकॉर्ड कराया गया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद गैंगरेप और हत्या की धारा में उम्रकैद की सजा सुनाई।