लखनऊ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ शनिवार के घटनाक्रम पर सीआरपीएफ ने महानिदेशालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें प्रियंका पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगा है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को महिला पुलिस अधिकारी पर प्रियंका के साथ धक्का-मुक्की करने और रास्ता रोके जाने की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सीआरपीएफ महानिदेशालय को भेजी थी।
आईजी इंटेलिजेंस पीके सिंह ने रिपोर्ट में कहा है कि प्रियंका गांधी की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। बल्कि, उन्होंने बिना बताए अपनी यात्राएं कीं। इस दौरान उन्होंने बुलेटप्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल न करके सिविल वाहन स्कूटी का प्रयोग किया, जो नियमों की अनदेखी है। इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त सुरक्षा कवर दिया गया। सीआरपीएफ ने प्रियंका को नियमों का पालन करने की सलाह दी है।
प्रियंका ने कहा था- पुलिसकर्मी ने गला पकड़ा और गिरा दिया
दरअसल, प्रियंका गांधी ने शनिवार शाम को लखनऊ में पैदल मार्च किया था। इस दौरान 1090 चौराहे के पास पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। तब प्रियंका ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जगह-जगह उनकी गाड़ी को रोका। जब वे पैदल चलने लगीं तो एक महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्कर देकर गिरा दिया और गला दबाया। हालांकि, कुछ समय बाद प्रियंका गला दबाने वाले बयान से पलट गईं। उन्होंने गला दबाने की जगह गले पर हाथ लगाने की बात कही।
रिटायर्ड आइपीएस अफसर के परिजन से मिलने जा रही थीं प्रियंका
प्रियंका ने सीएए पर हिंसा भड़काने के आरोप में जेल में बंद रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मुलाकात की थी। उनके घर जाने के लिए प्रियंका ने जिस स्कूटी का इस्तेमाल किया था, रविवार को लखनऊ ट्रैफिक पुलिस ने उसका 6100 रुपए का चालान काटा है। यह स्कूटी राजस्थान के कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर चला रहे थे।
कांग्रेस ने राज्यपाल को पेन ड्राइव सौंपी
प्रियंका इस समय उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार को पार्टी कार्यालय पहुंचकर पदाधिकारियों के साथ बैठक शुरू की। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। अजय ने राज्यपाल को प्रियंका का एक पत्र और पेन ड्राइव सौंपी है। कांग्रेसियों ने कहा- बीते दिनों प्रदेश में सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर हुई हिंसा और पुलिस की भूमिका की जांच हो।
निर्दोषों को रिहा किए जाने की मांग उठाई
प्रदेश अध्यक्ष अजय ने कहा- राज्यपाल से उन्होंने प्रियंका मामले में शिकायत की। इसके अलावा, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में पुलिस किस तरह से गोलियां चला रही है? गाड़ियां तोड़ती नजर आ रही है, उसको लेकर जांच की मांग की है। उन्होंने कहा- जिस तरह पूरे यूपी जला है और लोगों ने उपद्रव मचाया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर तमाम बेगुनाहों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उनको छोड़े जाने के लिए भी राज्यपाल से चर्चा की गई है।