मुंबई. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार सोमवार को हुआ। अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पूर्व सीएम अशोक चव्हाण मंत्री बने। शिवसेना के आदित्य ठाकरे भी बतौर मंत्री शपथ ले सकते हैं। 28 नवंबर को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो-दो मंत्रियों ने शपथ ली थी। नियम के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा 42 मंत्री ही शामिल सकते हैं।
महाराष्ट्र में 23 नवंबर की सुबह भाजपा ने राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, 26 नवंबर को अजित ने इस्तीफा दे दिया था। बहुमत न होने की वजह से सरकार गिर गई थी और फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ा था।
इन मंत्रियों ने शपथ ली
शिवसेना: संजय राठौड
राकांपा: अजित पवार, धनंजय मुंडे, हसन मश्रीफ, राजेंद्र शिंगणे, नवाब मलिक, राजेश टोपे
कांग्रेस: अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, अमित देशमुख, वर्षा गायकवाड, सुनील केदार
कैबिनेट में नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद विभागों में बदलाव हो सकता है। फिलहाल, मुख्यमंत्री उद्धव के पास कोई विभाग नहीं है। गृह और उद्योग विभाग शिवसेना के पास हैं। वित्त और ग्रामीण विकास विभाग राकांपा को दिए गए हैं। कांग्रेस को राजस्व, पीडब्ल्यूडी और ऊर्जा मंत्रालय सौंपा गया था।
छोटे दलों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं
मंत्रिमंडल विस्तार में छोटे दलों को जगह मिलने की संभावना नहीं है। इससे गठबंधन में शामिल छोटे दलों में नाराजगी बढ़ गई है। महा विकास अघाड़ी में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, शेकाप, समाजवादी पार्टी, सीपीएम, बहुजन विकास अघाड़ी, प्रहार और जोगेंद्र कवाडे की रिपल्बिकन पार्टी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल विस्तार से पहले छोटे दलों के साथ कोई बातचीत नहीं की गई। इससे यह दल खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। पहले खबर थी कि शेकाप के जयंत पाटिल, प्रहार के बच्चू कडू और जोगेंद्र कवाडे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। इनमें सपा के अबू आसिम आजमी का नाम भी शामिल था।
28 नवंबर को उद्धव ने 6 मंत्रियों के साथ ली थी शपथ
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाई है। उद्धव ने तीनों पार्टियों के दो-दो मंत्रियों के साथ 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसमें राकांपा के जयंत पाटिल, छगन भुजबल, शिवसेना के एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और नितिन राउत शामिल थे। सरकार बनने के करीब 15 दिन बाद मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया था।
भाजपा के साथ चुनाव लड़ी थी शिवसेना
शिवसेना ने भाजपा के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था। शिवसेना-भाजपा गठबंधन को बहुमत भी मिला, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों के बीच टकराव पैदा हो गया था। इसके बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राकांपा नेता अजित पवार के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बना ली थी। देवेंद्र ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तो अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। राजनैतिक उठापटक के चलते साढ़े तीन दिन बाद सीएम और डिप्टी सीएम को इस्तीफा देना पड़ा था।