जुमे की नमाज के बाद शांतिप्रिय जुलूस की आड़ में नखास चौक पर उपद्रव मचाने वाले आरोपितों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू कर दी गई है। पुलिस ने संपत्ति जब्त करने का पत्र डीएम को भेज दिया है। डीएम की अनुमति मिलते ही फरार आरोपितों के घर पर जब्ती की नोटिस चस्पा कर दी जाएगी, फिर कुर्की की कार्रवाई होगी।
नखास में बवाल मचाने के मामले में 39 नामजद आरोपित हैं, जबकि तीन मुकदमों में 1200 अज्ञात हैं। नामजद में से पांच को पुलिस जेल भेज चुकी है लेकिन 34 आरोपित अब भी फरार चल रहे हैं। इनकी तलाश में पुलिस की टीमें लगी हैं। आरोपितों के घरों पर बयान दर्ज कराने के लिए मंगलवार को नोटिस चस्पा किया गया था।
इसके बावजूद कोई आरोपित सामने नहीं आया। इसी का नतीजा रहा कि पुलिस ने कार्रवाई की अपनी अगली प्रक्रिया शुरू कर दी। अब आरोपितों की संपत्ति जब्त कर कुर्की की कार्रवाई की जानी है। शासन की ओर से पहले ही साफ कर दिया गया था कि नुकसान की भरपाई आरोपितों की संपत्ति कुर्की करके की जाएगी। शासन के इस रुख के बाद ही पुलिस और प्रशासन ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी गई है।
जमानत का विरोध करेगी पुलिस
आरोपित कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दे सकते हैं। इसकी भनक पुलिस को भी है। हालांकि इतने गंभीर धाराओं में दर्ज केस में अग्रिम जमानत आसानी से नहीं मिलती है। इसके बावजूद पुलिस अपनी ओर से सतर्क है और आरोपितों की अग्रिम जमानत का कोर्ट में विरोध करेगी।
कोतवाली पुलिस क्षेत्राधिकारी वीपी सिंह ने कहा कि संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डीएम का आदेश मिलते ही फरार आरोपितों के घरों पर जब्ती की नोटिस चस्पा की जाएगी। इसके बाद कुर्की की जाएगी।
उपद्रवियों ने दो कार और सात सीसीटीवी कैमरे तोड़ डाले थे
नखास और मदीना मस्जिद के सामने हुए बवाल में पीटीएस के एडिशनल एसपी राजेश कुमार भारती की कार के अलावा एक और कार क्षतिग्रस्त की गई थी। वहीं, एक व्यक्ति की बाइक भी गायब कर दी गई। उपद्रवियों ने रेती से नखास रोड के दो ग्राहक सेवा केंद्र और पांच दुकानों के सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ डाले थे। नखास चौराहे पर स्थित एक चाय की दुकान व एक घर के शीशे को भी क्षतिग्रस्त किया गया था।
जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल-तोड़फोड़ और पत्थरबाजी में नुकसान का आकलन शुरू हो गया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह की टीम ने मंगलवार को कोतवाली क्षेत्र में पहुंचकर नुकसान की जानकारी ली। कोतवाल सहित अन्य लोगों से इस पर रिपोर्ट ली गई। अब नगर निगम और बिजली निगम से नुकसान की जानकारी मांगी गई है। वास्तविक आकलन के बाद सात दिन के अंदर रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी गई जाएगी। जिलाधिकारी के स्तर से नोटिस जारी करके तोड़फोड़ के आरोपियों से जवाब मांगा जाएगा, फिर संपत्ति जब्त करने या नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।